नई दिल्ली: कोरोना की वैक्सीन लगवाने वाले लोगों पर उसके प्रभाव का पता लगाने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जाएगा. जिसके जरिए ये पता लगाया जाएगा कि, वैक्सीन लगने के बाद ब्रेकथ्रू इंफेक्शन की क्या संभावना, वैक्सीन कितनी प्रभावी है. साथ ही अगर वैक्सीन के डोज के बीच अंतर बढ़ाते हैं, तो क्या होगा.
NTGAI ने सिफारिश स्वीकार की
कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों पर उसके प्रभाव का पता लगाने, पहला और दूसरा टीका लगने के बाद लोगों में सभावित संक्रमण निर्धारित करने के लिए जल्द मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग सिस्टम तैयार किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक ऐसा करने के लिए NTAGI यानी ‘नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन’ की सिफारिशों को टीकाकरण के राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है.
डेटा जमा किये जाएंगे
नेशनल ट्रैकिंग सिस्टम के ज़रिए वैक्सीन से जुड़े डेटा जमा किये जाएंगे. लोगों को वैक्सीन लगने के बाद कितने लोग बीमार पड़ रहे हैं और अगर बीमार पड़ रहे हैं तो उसकी गम्भीरता कितनी है.
इस ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए ये पता लगाया जाएगा कि, कितने लोगों को पहली या दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमण हो रहा है. जिन्हें वैक्सीन लगी या जिन्हें नहीं लगी और टीके की अगर एक खुराक लगी तो बीमारी की गम्भीरता क्या है. दो डोज लगा तो बीमारी की गम्भीरता क्या है, ये सब कुछ इस ट्रैकिंग सिस्टम के ज़रिए पता चलेगा, जिसे आने वाले दिनों में कोरोना की लड़ाई में बहुत मदद मिलेगी.
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