National Vaccination Day: वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए देशभर में आज के दिन (16 मार्च) को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (National Vaccination Day) के तौर पर मनाया जाता है.


इस दिवस को मनाने का उद्देश्य गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन (Vaccination) के महत्व को लेकर लोगों को जागरुक करना है. साथ ही हर बच्चे के टीकाकरण को सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरों, फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर्स की कड़ी मेहनत को सरहाने का मौका है. इसके अलावा ये दिन, टीकाकरण की आवश्यकता को भी दर्शाता है और स्वस्थ रहने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करता है.


टीकाकरण दिवस की थीम


देश में इस साल राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की थीम, “टीका हरएक के लिए काम करे” रखी गई है. इसके तहत इस बात पर जोर दिया जाएगा कि लोग समझें कि टीका कैसे बनता, उसे कौन लोग बनाते हैं, सभी तक उसे पहुंचाने में किन लोगों की भूमिका होती.


गंभीर बीमारियों के प्रसार को घटाता वैक्सीनेशन


वैक्सीन शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाता है. गंभीर बीमारियां जैसे चिकन पॉक्स, टेटनस, रूबेला, पोलियो और हाल ही में कोविड-19 जैसी बीमारियों के प्रसार को कम करने में मदद करता है.


राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का इतिहास


1955 में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया गया था जब भारत सरकार ने देश से पोलियो के लिए आधिकारिक तौर पर पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया था. 16 मार्च, 1995 को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक पोलियो पहल के हिस्से के रूप में भारत में मौखिक पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी. टीकाकरण कार्यक्रम दो बूंद जिंदगी की के नाम से लोकप्रिय हुआ था.


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया...


विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत ने साल 2017 से 2020 के बीच 32.4 करोड़ बच्चों को एमआर टीकाकरण किया. टीकाकरण मूल रूप से संक्रमित रोगों को फैलने से रोकने के लिए शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ानें में मदद करता है. हर बीमारी के लिए अलग टीका या वैक्सीन होती है. 


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