National Voters Day: राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने दी चुनावी राज्यों की जानकारी, केंद्रीय मंत्री की कोर्ट के जजों को नसीहत
National Voters Day 2022: राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पांचों राज्यों में सभी तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि चुनाव पूरी तरह से सुरक्षित हो
CEC Sushil Chandra Elections 2022: अगले कुछ ही हफ्तों में देश के पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. इसे लेकर चुनाव आयोग लगातार तैयारियों में जुटा है. अब चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज किया गया है.
लोकतंत्र के लिए वोटिंग का अधिकार जरूरी - CEC
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पांचों राज्यों में सभी तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि चुनाव पूरी तरह से सुरक्षित हो. चुनाव आयुक्त ने इस दौरान देश में कुल वोटर्स की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि, आज देश में 95.3 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जिनमें 49 करोड़ पुरुष मतदाता और 46 करोड़ महिला मतदाता हैं. इनमें 1.92 करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं. उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र के लिए नागरिकों को वोटिंग का अधिकार देना जरूरी है. मतदान केंद्रों पर वोटर्स की मौजूदगी ही लोकतंत्र को मजबूत करती है.
केंद्रीय मंत्री ने दी कोर्ट के जजों को सलाह
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कोर्ट के जजों को नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि, सभी को आलोचना करने का अधिकार है, लेकिन अपनी भाषा को ध्यान में रखें. कोर्ट चुनाव आयोग की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन जजों को अपनी आलोचना करने वाली भाषा का खयाल रखना चाहिए. भारत निर्वाचन आयोग और हमारे विधि एवं न्याय मंत्रालय के बीच अच्छा तालमेल है. अगर ऐसा ही तालमेल बनाकर रखेंगे तो जो भी रिफॉर्म लाना है, वो लाया जा सकता है.
धनखड़ बोले - पश्चिम बंगाल में वोटर्स नहीं आजाद
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मतदाता दिवस के मौके पर कहा कि, आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस है, लोकतंत्र में मतदाता सबसे महत्वपूर्ण हितधारक है. अगर मतदाताओं को अपने अधिकारों का इस्तेमाल स्वतंत्र, निष्पक्ष और निडरता से करने को मिले तो वो लोकतंत्र है लेकिन पश्चिम बंगाल में मतदाताओं के पास स्वतंत्रता नहीं है.