नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग ने हाथरस मामले में पीड़िता की पहचान सोशल मीडिया पर कथित रूप से उजागर करने के लिए बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और अभिनेत्री स्वरा भास्कर से स्पष्टीकरण मांगा है.


आयोग ने उनसे पहचान उजागर करने संबंधी पोस्ट तत्काल हटाने और भविष्य में ऐसे पोस्ट साझा करने से बचने को भी कहा है. आयोग ने मंगलवार को ट्वीट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने अमित मालवीय, दिग्विजय सिंह और स्वरा भास्कर को हाथरस की पीड़िता की पहचान उजागर करने से संबंधित उनके ट्विटर पोस्ट पर नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है और फौरन ये पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है. साथ ही भविष्य में ऐसे पोस्ट साझा करने से बचने को कहा है.


सामूहिक बलात्कार पीड़िता की तस्वीर का इस्तेमाल कर ट्विटर पोस्ट को हटाने को कहा आयोग ने


भास्कर, मालवीय और सिंह को भेजे अलग-अलग नोटिस में आयोग ने कहा है कि उसके संज्ञान में आया है कि ऐसे कई ट्विटर पोस्ट हैं जिनमें कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. आयोग ने नोटिस में कहा, "आपको इस नोटिस की प्राप्ति पर आयोग को संतोषजनक स्पष्टीकरण देना है और सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरों/वीडियो को हटाना है और इनके प्रसारण से बचना चाहिए, क्योंकि उन्हें आपके फॉलोअर्स व्यापक तौर पर प्रसारित करते हैं, जिसकी मौजूदा कानून में मनाही है."


रातोंरात पीड़िता का अंतिम संसकार करने का पुलिस पर आरोप


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती से चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित रूप से बलात्कार किया था. पीड़िता की हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया था, जहां उसने गत मंगलवार को दम तोड़ दिया था. उसका गत बुधवार को तड़के अंतिम संस्कार कर दिया गया था. उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रातोंरात अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया. स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि अंतिम संस्कार परिवार की मर्जी के मुताबिक हुआ है.


इस घटना से देश में रोष व्याप्त हो गया था और पीड़िता के लिए न्याय मांगने के वास्ते लोगों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया था.


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