नई दिल्ली: देश में सबसे अधिक समय तक महिला मुख्यमंत्री रहने वालीं शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया. आज दिन के 2:20 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा. पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर दिल्ली सरकार ने दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है. शीला दीक्षित के निधन पर लोगों की प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इसी बीच उनके खास मित्र रहे पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने भी शीला दीक्षित को याद किया है. उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित सबसे प्यार और सम्मान से बात करती थीं. नटवर सिंह ने कहा कि शीला दीक्षित के बिना दिल्ली में फ्लाई ओवर और मेट्रो की उम्मीद नहीं की जा सकती थी.


पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह ने शीला दीक्षित के काम के तरीकों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की. उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते शीला दीक्षित पर कभी भी कोई आरोप नहीं लगे और उन्होंने एक विजन के साथ दिल्ली का विकास किया. शीला दीक्षित से अपनी दोस्ती को याद करते हुए नटवर सिंह ने कहा कि जब वह कठिन समय से गुजर रहे थे तो शीला दीक्षित ने उनका साथ दिया.


लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित के चुनाव लड़ने पर नटवर सिंह ने कहा कि जब उन्हें इस बात का पता चला तो हैरानी हुई. नटवर सिंह ने कहा, "इसके बाद मैंने शीला दीक्षित से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बड़े ही शालीनता पूर्वक कहा कि पार्टी जो कहेगी वो उनके लिए सर्वोपरि है.''


नटवर सिंह कहते हैं कि शीला दीक्षित के साथ उन्होंने इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट में सालों तक काम किया. वह बताते हैं कि इस ट्रस्ट का अधिकतर काम शीला ही करती थीं. बता दें कि उस समय सोनिया गांधी इस इस ट्रस्ट की चेयरपर्सन थीं और शीला दीक्षित सेक्रेटरी. नटवर सिंह इस ट्रस्ट के वाइस प्रेसिडेंट थे. बता दें कि पवन कुमार चामलिंग (करीब 25 साल), ज्योति बसु (22 साल) नवीन पटनायक (19 साल), मोहनलाल सुखाडिया (17) साल के बाद 15 साल तक सीएम रहने वालीं शीला दीक्षित पांचवीं मुख्यमंत्री थीं.


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