Naval Commanders Conference 2022: हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच नौसेना का चार दिवसीय नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (Naval Commanders Conference) सोमवार (31 अक्टूबर) से गुरुवार (3 नबम्बर) तक देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में होगा. दरअसल, नौसेना का सम्मेलन (Naval Conference) ऐसे समय में होने जा रहा है जब एक दिन पहले ही शुक्रवार (28 अक्टूबर) को अमेरिका (America) ने नेशनल डिफेंस स्ट्रेटेजी पॉलिसी जारी कर चीन के बढ़ते प्रभाव और आक्रामकता पर चिंता जाहिर की. स्ट्रेटेजी पेपर में कहा गया है कि चीन (China) की आक्रमकता यूरोप में रूस (Russia) से ज्यादा खतरनाक है.
बता दें कि साल 2022 के नौसेना कमांडरों के सम्मेलन का दूसरा संस्करण 31 अक्टूबर से 3 नवंबर तक निर्धारित है. सम्मेलन एक संस्थागत मंच के जरिए से सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्री मामलों पर चर्चा करने के लिए नौसेना कमांडरों के लिए एक मंच के रूप में काम करता है. दिल्ली में होने वाली नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस और नौसेना प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर संबोधित करेंगे. इनके अलावा नौसेना के ऑपरेशन्स, लॉजिस्टिक्स और मानव-संसाधनों पर विस्तार से चर्चा होगी.
US NDS ने 4 बड़ी सुरक्षा प्राथमिकताओं का किया चयन
नौसेना कमांडरों के इस सम्मेलन में यूएस एनडीएस (US NDS) चार बड़ी सुरक्षा प्राथमिकताओं (Defense Priorities) पर चर्चा करेगा. इसमें, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) की तरफ से खतरे को देखते हुए मातृभूमि की रक्षा करना. दूसरा, संयुक्त राज्य अमेरिका, मित्र राष्ट्रों और भागीदारों के खिलाफ रणनीतिक हमलों को रोकना. तीसरा, आक्रामकता को रोकना, जबकि आवश्यक होने पर संघर्ष में मजबूत होने के लिए तैयार रहना. भारत-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific Region) में पीआरसी चुनौती को प्राथमिकता देना, फिर यूरोप (Europe) में रूस (Russia) की चुनौती और चौथा, एक लचीला संयुक्त बल (Joint Force) और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र (Defense Ecosystem) का निर्माण करना.
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