Naval Commanders Conference: इस साल नौसेना कमांडरों के सम्मेलन सोमवार (6 मार्च) से शुरू होने जा रहा है. नौसेना कमांडर्स की यह बैठक INS विक्रांत पर होने जा रही है. ये पहली बार है जब कमांडर्स की ये बैठक समुद्र के बीच होने वाली है. पांच दिनों तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में पहले दिन नेवी के टॉप कमांडर्स को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सबोधित करेंगे.


यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों को वह मंच प्रदान करता है जिसमें सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा होती है. इसके अलावा यह सम्मलेन नौसेना कमांडरों को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने का भी अवसर देता है. कॉन्फ्रेंस में पिछले छह महीनों के दौरान किए गए ऑपरेशन, लॉजिस्टिक, ट्रेनिंग, मानव संसाधन और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी. 


अग्निपथ योजना का होगा अपडेट 


नौसेना ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, "नौसेना के शीर्ष अधिकारी नौसेना की महत्वपूर्ण गतिविधियों और पहलों की योजनाओं पर भी विचार-विमर्श करेंगे." बयान में कहा गया कि इस बैठक में नौसेना में नाविकों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पर भी अपडेट किया जाएगा. बता दें कि महिला अग्निवीरों के पहले बैच सहित अग्निवीरों का पहला बैच मार्च के अंत तक आईएनएस चिल्का में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेगा.


राजनाथ सिंह करेंगे संबोधित


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले दिन नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे. पहले दिन की गतिविधियों के हिस्से के रूप में समुद्र में ऑपरेशनल प्रदर्शन की भी योजना है. बयान में कहा गया, "क्षेत्र में मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के कारण सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता है. कमांडर भारत के समुद्री हितों की चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना की तैयारी पर विचार-विमर्श करेंगे." बयान में कहा गया कि नौसेना ने भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप वर्षों में अपने परिचालन कार्य में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है.


विक्रांत की सर्विस के 6 महीने पूरे


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में आईएनएस विक्रमादित्य पर संयुक्त कमांडर कॉफ्रेन्स को संबोधित किया था. आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल हुए छह महीने बीत चुके हैं, फिलहाल इस पर तैनात होने वाले लड़ाकू विमानों का ट्रायल चल रहा है. इस बैठक के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ भारतीय थलसेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के प्रमुख के बीच एक बैठक होगी. इसमें सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने और तीनों सेनाओं के एकीकरण पर चर्चा होगी. 


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