नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चल रही तनातनी के बीच बुधवार से तीन दिवसीय नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू हो रही है (19-21 अगस्त).‌ तीन दिवसीय सम्मलेन में नौसेना प्रमुख के नेतृत्व में सभी कमांडर्स हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा करेंगे.‌ पहले दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद सम्मेलन को संबोधित करेंगे.


नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, "ये सम्मेलन देश की उत्तरी सीमाओं (लद्दाख में चीन से सटी सीमाओं) पर चल रही परिस्थितियों और कोविड-महामारी के चलते विशेष महत्व रखता है. क्योंकि इस सम्मेलन में नौसेना की टॉप लीडरशिप ऑपरेशन्स करने के तरीके, अपने एसैट्स (यानि युद्धपोत, सबमरीन इत्यादि) के रखरखाव, नए युद्धपोतों के अधिग्रहण, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मानव संसाधन जैसे प्रमुख मुद्दों पर एक मंच पर विचार करेंगे." नेवल कमांडर्स कांफ्रेंस साल में दो बार होती है. लेकिन इस‌ साल का पहला सम्मेलन कोविड महामारी के चलते देरी से हो रहा है.


सम्मेलन में नौसेना की तीनों कमान (विशाखापटट्नम स्थित पूर्वी कमान, मुंबई स्थित पश्चिमी कमान और कोच्चि‌ स्थित दक्षिणी कमान) के कमांडर्स सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी शिरकत करेंगे.


यह कॉन्फ्रेंस रक्षा मंत्रालय‌ को अंतर्गत शुरू हुए नए विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) के स्थापित होने के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है. इस नए विभाग की जिम्मेदारी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पास है. खुद सीडीएस, जनरल बिपिन रावत नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे. सम्मेलन के दौरान ट्राई-सर्विस (यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के साझा मिशन्स पर भी चर्चा होगी.


आपको बता दें कि हाल में चीन के साथ तनातनी के दौरान नौसेना के फाइटर जेट्स, मिग-29के को लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) पर कॉम्बेट एयर पैट्रोलिंग यानि हवाई सुरक्षा में तैनात किया गया था. इसके अलावा नौसेना के टोही विमान, पी8आई को भी एलएसी पर चीनी सेना की निगरानी के लिए तैनात किया गया था.


कमांडर मधवाल के मुताबिक, सम्मेलन में प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी के 'सागर' यानि सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन रिजन को ध्यान में रखते हुए इंडो-पैसेफिक क्षेत्र की सुरक्षा पर भी चर्चा की जाएगी.


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