गुजरात और महाराष्ट्र की सीमाओं पर है ये रेलवे स्टेशन, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया फोटो
नवापुर स्टेशन में एक बेंच भी है, जिसे दोनों राज्यों की सीमा बांटती है और बेंच के एक हिस्से पर गुजरात लिखा है जबकि दूसरे हिस्से पर महाराष्ट्र लिखा है.
हमारे देश में रेलवे स्टेशन का अपना खास महत्व है. ये न सिर्फ करोड़ों लोगों के आने-जाने के गवाह बनते हैं, बल्कि अपने-आप में ही अलग-अलग खासियतों के कारण भी प्रसिद्ध रहते हैं. ऐसा ही एक स्टेशन है नवापुर. इस स्टेशन की खासियत ये है कि ये देश का इकलौता ऐसा रेलवे स्टेशन है, जो दो अलग-अलग राज्यों का हिस्सा है. यानी स्टेशन का एक हिस्सा महाराष्ट्र में है और दूसरा हिस्सा गुजरात में. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस स्टेशन की इस खासियत को बताते हुए ट्वीट किया, जिसे जानकर बहुत से लोग हैरान हैं.
बंटवारे से पहले ही बन गया था स्टेशन
दरअसल, नवापुर महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले का एक तालुका है. गुजरात और महाराष्ट्र के बंटवारे से पहले ही ये स्टेशन बन चुका था और बंटवारे के बाद भी इस स्टेशन में कोई बदलाव नहीं हुआ और नतीजा ये हुआ कि अब ये दोनों राज्यों में आता है.
पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर इस स्टेशन की इस खासियत के बारे में बात की. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, "#KyaAapJanteHai देश में एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी है जो दो राज्यों में स्थित है? सूरत-भुसावल लाइन पर नवापुर एक ऐसा स्टेशन है, जहां स्टेशन के बीचों-बीच दो राज्यों की सीमाएं लगती हैं. इसलिये इस स्टेशन का आधा भाग गुजरात में, तो शेष आधा महाराष्ट्र में है."
#KyaAapJanteHai देश में एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी है जो दो राज्यों में स्थित है?
सूरत-भुसावल लाइन पर नवापुर एक ऐसा स्टेशन है, जहां स्टेशन के बीचो-बीच दो राज्यों की सीमाएं लगती हैं। इसलिये इस स्टेशन का आधा भाग गुजरात में, तो शेष आधा महाराष्ट्र मे है। pic.twitter.com/FKSdsjvUOR — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 4, 2020
सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल
कुछ वक्त पहले भी इस स्टेशन की एक बेंच की तस्वीर वायरल हो गई थी, जिसमें बेंच को बीच में सफेद लाइन से बांटा गया. बेंच का एक हिस्से पर गुजरात लिखा है और दूसरे पर महाराष्ट्र.
एक ट्विटर यूजर ने इस बारे में मजाकिया अंदाज में लिखा था कि बेंच के एक हिस्से में बैठकर शराब पी सकते हैं, लेकिन दूसरे हिस्से में ऐसा नहीं हो सकता. गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है, जबकि महाराष्ट्र में ऐसी कोई रोक नहीं है.
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