LAC पर चीन से तनातनी के बीच साउथ चायना सी में भारत और वियतनाम की नौसेनाएं करेंगी साझा युद्धभ्यास
भारतीय नौसेना शनिवार से दो दिनों (26-27 दिसम्बर) के लिए वियतनाम की नौसेना के साथ दक्षिण चीन सागर में 'पैसेज-एक्सरसाइज' युद्धभ्यास करने जा रही है. इसके लिए नौसेना का 'आईएनएस किलटन' युद्धपोत वियतनाम की राजधानी हो ची मिन्ह पहुंच चुका है.
![LAC पर चीन से तनातनी के बीच साउथ चायना सी में भारत और वियतनाम की नौसेनाएं करेंगी साझा युद्धभ्यास Navies of India and Vietnam to conduct joint exercises in South China Sea between China and China on LAC ANN LAC पर चीन से तनातनी के बीच साउथ चायना सी में भारत और वियतनाम की नौसेनाएं करेंगी साझा युद्धभ्यास](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/12/26015352/WhatsApp-Image-2020-12-25-at-8.12.31-PM.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय नौसेना शनिवार से दो दिनों (26-27 दिसम्बर) के लिए वियतनाम की नौसेना के साथ दक्षिण चीन सागर में 'पैसेज-एक्सरसाइज' युद्धभ्यास करने जा रही है. इसके लिए नौसेना का 'आईएनएस किलटन' युद्धपोत वियतनाम की राजधानी हो ची मिन्ह पहुंच चुका है. आपको बता दें कि जिस तरह भारत और चीन के संबंध कई दशक से तल्ख हैं, ठीक वैसे ही चीन और वियतनाम के माने जाते हैं.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, मिशन-सागर के तहत भारत का युद्धपोत आईएनएस किलटन हो ची मिन्ह के नाह रोंग बंदरगाह पहुंच चुका है. किलटन में करीब 15 टन राहत सामाग्री है जो भारत ने सेंट्रल वियतनाम में आई बाढ़ के पीड़ितों के लिए भेजी है. ये. मिशन-सागर भारत द्वारा पड़ोसी और मित्र देशों के लिए प्राकृतिक आपदा में मानवीय सहायता (एचएडीआर) के लिए है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के तहत चलाया जाता है.
कमांडर मधवाल के मुताबिक, राहत सामाग्री को वियतनाम की सेंट्रल कमेटी को सौंपने के बाद भारत लौटने के वक्त आईएनएस किलटन वियतनामी नौसेना के साथ साउथ चायना सी (दक्षिण चीन सागर) में पैसेएक्स यानि पैसेज-एक्सरसाइज युद्धभ्यास में हिस्सा लेगा.
दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन का वियतनाम से विवाद चल रहा है. पिछले कई दशक से सीमा विवाद को लेकर भी चीन और वियतनाम के संबंध काफी तल्ख रहे हैं. साथ ही पूरे साउथ चायना सी पर चीन अपना दबदबा बनाकर रखना चाहता है और किसी दूसरे देश के युद्धपोतों को वहां आने पर आंखें दिखाता है. ऐसे में भारत के साथ वियतनामी नौसेना की एक्सरसाइज से चीन को मिर्ची लग सकती है.
गौरतलब है कि कि सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनाम के पीएम नेगुएन जुआन फुक के साथ वर्चयुल-सम्मिट की थी. इस सम्मिट में दोनों देशों के बीच रक्षा, पैट्रोकैमिकल और परमाणु-उर्जा के क्षेत्र में सात करार हुए थे. इस दौरान पीएम मोदी ने वियतनाम को अपना मित्र-देश बताते हुए 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और इंडो-पैसफिक रिजन में भारत के लिए एक 'मजबूत-स्तंभ' बताया था.
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