नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की शान में कसीदे पढ़ना सिद्धू को भारी पड़ गया है. भारतीय जनता पार्टी ने सिद्धू पर निशाना साधते हुए राहुल और सोनिया गांधी से उनकी राय स्पष्ट करने को कहा है. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस से पूछा, “ सिक्खों की तरफ से बोलने का अधिकार सिद्धू को किसने दिया ?” पात्रा ने कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बब्बर शेर और शहंशाह कहकर पुकारना सिद्धु को शोभा नहीं देता.”


बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान का करतारपुर कॉरिडोर को खोलना भारतीयों पर कोई एहसान नहीं है. लेकिन सिद्धू ने पाकिस्तान के इस कदम को एहसान बताकर भारतीयों का मजाक उड़ाया है. संबित पात्रा ने आगे कहा, "सिद्धू की इस टिप्पणी पर सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए."


क्रिकेट के मैदान से लेकर सियासत की पिच तक
क्रिकेट की पिच पर सिक्का जमाने वाले सिद्धू अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हैं. राजनीति की पिच पर व्यंग्य और अपनी शैली के जरिए विरोधियों पर वार करने में सिद्धू का कोई जोड़ नहीं है. लेकिन सिद्धू का बड़बोलापन कभी-कभी उनपर भारी पड़ जाता है. कभी बीजेपी में रहे सिद्धू अब कांग्रेस के नेता हैं. जाहिर बात है सिद्धू के तरकश से निकला हुआ तीर जब विरोधी पार्टी बीजेपी की तरफ जाएगा तो जवाबी हमला भी उसी की तरफ से होगा.


क्या हुआ था करतारपुर कॉरिडोर उद्घटान के मौके पर


करतारपुर कॉरिडोर उद्घाटन के मौके पर सिद्धू ने कहा था, “प्रधानमंत्री इमरान खान में 14 करोड़ सिखों का विश्वास है. इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर खोलकर सिख समुदाय पर बड़ा एहसान किया है. इस एहसान के बदले सिख समुदाय जहां भी जाएगा इमरान खान की शान में कसीदे पढ़ेगा.’’


सिद्धू ने ये भी कहा था, “मंच पर भले ही मैं अकेला खड़ा होकर ये सारी बातें कह रहा हूं लेकिन सच्चाई यही है कि जो मेरे दिल में है वही आज 14 करोड़ सिख भी महसूस कर रहे हैं.”