नई दिल्लीः नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना नहीं है. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक ये खबर आई है. आज खबर आई थी कि कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली प्रदेश संगठन की कमान सौंप सकती है और इस रेस में उनका नाम सबसे आगे चल रहा है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कोई बातचीत नहीं हो रही है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी का पद इसकी अध्यक्ष शीला दीक्षित के निधन के बाद खाली है और इसको लेकर फिलहाल किसी नाम की चर्चा नहीं हो रही है. इसी बीच नवजोत सिंह सिद्धू के नाम की चर्चा इस पद के लिए हुई लेकिन अब सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी में ऐसा कोई विचार नहीं चल रहा है.
हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन वो फिलहाल कांग्रेस में बने रहेंगे. 24 जुलाई को नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने समर्थकों से मुलाकात की थी और कहा था कि वह कांग्रेस में ही बने रहेंगे. सिद्धू ने अपने घर पर समर्थकों और नगर निकाय के स्थानीय पार्षदों से मुलाकात के दौरान ऐसा कहा था. स्थानीय नेताओं के मुताबिक बैठक में सिद्धू ने कहा कि उनकी मंशा भविष्य में भी कांग्रेस को छोड़ने की नहीं है.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ नवजोत सिंह सिद्धू के रिश्ते सहज नहीं है ये जगजाहिर हो चुका है. दरअसल लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू से स्थानीय सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मामलों का विभाग ले लिया था और उन्हें नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग दे दिया था. सिद्धू ने लंबे समय तक नए विभाग का पदभार नहीं संभाला. इसके बाद उन्होंने मंत्री कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफे को स्वीकार करते हुए राज्यपाल के पास भेज दिया. जिस दिन इस्तीफा स्वीकार हुआ उसी दिन सिद्धू ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास के बगल में मिला सरकारी बंगला खाली कर दिया.
सिद्घू का अगला कदम क्या होगा, इसे लेकर रहस्य बना हुआ है, क्योंकि 14 जुलाई को ट्विटर पर अपना इस्तीफा सार्वजनिक करने के बाद से उन्होंने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने 14 जुलाई को टि्वटर पर कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित करते हुए राज्य मंत्रिमंडल से 10 जून को दिए अपने इस्तीफे को सार्वजनिक कर दिया था. सिद्धू ने 15 जुलाई को यहां अमरिंदर के आधिकारिक आवास पर अपना इस्तीफा पत्र भेजा था. उस समय अमरिंदर दिल्ली में थे.
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके मंत्री के बीच तनाव पिछले महीने तब जगजाहिर हो गया था जब मुख्यमंत्री ने सिद्धू पर स्थानीय निकाय विभाग को ठीक से संभालने में असफल रहने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि इसकी वजह से लोकसभा चुनावों में शहरी इलाकों में कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया.