एक दूसरे के खिलाफ बोल रहे थे दोनों नेता
बता दें कि सिद्धू की सीएम अमरिंदर सिंह से बिलकुल नहीं बन रही थी. दोनों खुलकर एक दूसरे के खिलाफ बोल रहे थे. दोनो का मामला राहुल गांधी तक पहुंचा था, लेकिन हाईकमान ने खुलकर दखल नहीं दिया.
इसी साल 18 मई को नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी. सिद्धू ने धर्म ग्रंथों के अपमान पर इंसाफ नहीं मिलने को लेकर कहा था, ''अगर कैप्टन अमरिंदर के राज में धर्म ग्रंथों के अपमान पर इंसाफ नहीं मिला और दोषियों को सज़ा नहीं दी गई तो मैं कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा.''
इसके अगले दिन जब सिद्धू के इस बयान पर सीएम अमरिंदर सिंह की प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा, ''मैं उन्हें बचपन से जानता हूं. मेरा उनके नजरिये को लेकर कोई फर्क नहीं है. शायद मुझे हटाकर वो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. ये उनका मामला है. लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले जो बयान दिया उसका असर पार्टी पर पड़ेगा, न की मुझपर.''
विभाग बदले जाने से नाराज थे सिद्धू
पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की पुरानी लड़ाई फिर सतह पर आ गई है. दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रिमंडल में फेरबदल करके सिद्धू का विभाग बदल दिया था. सिद्धू अपने विभाग बदले जाने से इतने नाराज थे कि उन्होंने अपने विभाग का चार्ज नहीं लिया. और आज उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया.
मेरे कैप्टन राहुल गांधी हैं, अमरिंदर सिंह नहीं- सिद्धू
अमरिंदर सिंह से लड़ाई के बीच पिछले साल एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने दो टूक कहा था, ''मेरे कैंप्टन राहुल गांधी हैं और अमरिंदर सिंह के कैप्टन भी राहुल गांधी हैं.उन्होंने ही हर जगह भेजा है. अमरिंदर सिंह मेरे नहीं बल्कि सेना के कैप्टन हैं.''
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