नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाकर विवादों में आए कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर पत्र लिखा है. पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने पत्र लिखकर दावा किया कि पाकिस्तान करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने के लिए दस्तक दे रहा है. भारत सरकार दरवाजा खोलकर दरबार साहिब जाने का सिखों का 70 साल का सपना पूरा करे.
सिद्धू ने पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी के कॉरिडर खोलने के इंटरव्यू के बाद सुषमा को लंबा पत्र लिखा है. अगले साल गुरु नानक देव का 550वां गुरु पर्व मनाया जाना है, खबर है कि पाकिस्तान बिना वीज़ा के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक सिख संगत के दर्शन के लिए बॉर्डर खोलने पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
सिद्धू ने कहा, ''करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में गुरुनानक देव जी ने अपनी जिंदगी के 18 साल बिताए. वीजा की दिक्कतों की वजह से भारत में रह रहने वाले हजारों सिख करतारपुर साहिब में मत्था टेकने के लिए तैयार रहते हैं. अब इस मुद्दे पर एक मौके ने हमारे दरवाजे पर दस्तक दी है. लंबे समय से जिस करतारपुर साहिब कारिडोर को खोलने की मांग हो रही थी, उसपर पाकिस्तान ने सकारात्मक रुख दिखाया है.''
उन्होंने आगे कहा, ''मैं जब इमरान खान के शपथग्रहण में पाकिस्तान गया था तब इसके संकेत मिले थे लेकिन अब पाकिस्तान के मंत्री ने कहा है कि वो कॉरिडोर खोलने के लिए तैयार है. ये मौका है जब भारत भी पाकिस्तान के प्रस्ताव का सकारात्मक जवाब दे. इससे दोनों देशों के बीच चल रहा गतिरोध टूटेगा और आपसी संबंध मजबूत होंगे.''
करतारपुर गुरुद्वारा भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग चार किलोमीटर दूर है और भारतीय पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक में सीमा पट्टी के ठीक सामने है, जहां गुरु नानक देव ने 1539 में निधन तक अपने जीवन के 18 साल बिताए थे. अगस्त 1947 में विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया. लेकिन सिख धर्म और इतिहास के लिए यह बड़े महत्व का है.
आपको बता दें कि शुक्रवार को पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारा कॉरिडोर खोलने के लिए हामी भर दी है. इसके लिए मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और दोस्त इमरान खान को धन्यवाद देता हूं.
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दरअसल, सिद्धू जब पिछले महीने इमरान खान के शपथ ग्रहण में पाकिस्तान गये थे तो विवाद शुरू हो गया था. उन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर प्रांत के राष्ट्रपति के साथ बैठाया गया था. साथ ही उन्होंने भारत के खिलाफ जंग की बात कर चुके सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था. इसके बाद बीजेपी ने उनपर पाकिस्तान परस्त होने का आरोप लगाया था.
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सिद्धू ने भारत लौटने के बाद दावा किया था कि वे शपथ समारोह में बाजवा से गले मिलकर उनसे अनुरोध किया था कि वे करतारपुर गुरुद्वारा कॉरिडोर खोलने के लिए कदम उठाएं. अब पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि पाकिस्तान जल्द ही सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतार सिंह सीमा को खोलेगा और उन्हें गुरद्वारा दरबार सिंह साहिब करतारपुर में बिना वीजा के यात्रा की अनुमति देगा.
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