नई दिल्ली: रेलवे पुलिस ने रेलवे में टिकटों की कालाबाजारी करने वाले एक बड़े शातिर शख्स को गिरफ्तार किया है. ये शख्स पिछले काफी सालों से रेल के टिकटों की कालाबाज़ारी कर रहा था. सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि दीपावली और छठ पूजा यानि त्योहारों के मौके पर यह ज्यादा सक्रिय हो जाता था. गिरफ्त में आए इस शातिर का नाम नवनीत प्रजापति है.रेलवे पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक फोन नंबर से रेलवे की टिकट लगातार बुक की जा रही है.


रेलवे पुलिस ने इसी जानकारी के आधार पर जांच शुरू की और IRCTC के दफ्तर से जब उस नंबर की डिटेल्स निकली गई तो पुलिस के भी होश उड़ गए. जांच में ये बात सामने आई कि नवनीत ने फेक यूजर आईडी का इस्तेमाल कर अब तक सात हजार पांच सौ से ज्यादा टिकट जिनकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये है बेच चुका है.


रेलवे पुलिस के सीनियर सिक्युरिटी कमिश्नर शशि कुमार ने कहा "नवनीत बेहद शातिर बदमाश है. 2014 से नवनीत टिकटों की कालाबाजारी में शामिल है. इस दौरान सिर्फ एक मोबाइल से इसने डेढ़ करोड़ से ज्यादा का धंधा कर लिया. पुलिस पता लगा रही है कि नवनीत सिर्फ एक मोबाइल ही इस्तेमाल करता था या फिर और भी मोबाइल नंबर इसके पास मौजूद हैं. इसके लिए नवनीत से लगातार पूछताछ की जा रही है."

547 फेक यूजर आईडी करता था इस्तेमाल


रेलवे पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और फोन नंबर के आधार पर नवनीत नाम के इस शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया. जब इससे पूछताछ की गई तो नवनीत के मोबाइल नंबर से जुड़े 547 फेक यूजर आईडी का पता चला. उसी मोबाइल से पुलिस को पता चला कि 119 टिकट जिनकी कीमत चार लाख से ज्यादा है, वो नवनीत ने पहले से ही बुक कर रखी थी. ये सभी टिकटें दीपावली और छठ पूजा के आस पास की थीं.

2015 में भी खा चुका है जेल की हवा

पूछताछ में ये भी पता लगा कि टिकटों की कालाबाजारी की वजह से नवनीत 2015 में भी जेल की हवा खा चुका है. उस वक्त नवनीत को बैंगलोर सीबीआई ने पकड़ा था. दरअसल ये वो केस था जब हामिद अंसारी नाम के एक शख्स ने 2015 में एक सॉफ्टवेयर बनाया था, जिसका इस्तेमाल रेलवे की टिकट बुक करने के लिए किया जाता था. उस सॉफ्टवेयर से बल्क में एक साथ कई टिकटें बन जाती थी. उसमें 20 लोग गिरफ्तार हुए थे जिसमें नवनीत प्रजापति भी गिरफ्तार हुआ था. लेकिन, छूटने के बाद नवनीत ने फिर से उसी धंधे को शुरू कर दिया.


नवनीत निजामुद्दीन इलाके में धड़ल्ले से अपना धंधा चला रहा था. लेकिन, इस पर शक की सुई इसके एक नंबर के वजह से गई जिसके जरिए ये 547 यूजर आईडी चला रहा था. पुलिस की मानें तो एक IRCTC की वेबसाइट पर जाकर कोई भी टिकट बना सकता है. एक टिकट पर 6 लोग यात्रा कर सकते हैं. वेबसाइट में लॉगिन करने के लिए एक यूजर आईडी की जरूरत होती है. लेकिन, एक ही यूजर आईडी का इस्तेमाल ज्यादा बार किया जाए तो पकड़े जाने का खतरा होता है. इसी वजह से नवनीत लगातार यूजर आईडी बदल देता था.


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