Matoshree Hanuman Chalisa Row: हनुमान चालीसा विवाद को लेकर गिरफ्तार हुए राणा दंपति को आखिरकार गिरफ्तारी के 11 दिन बाद बुधवार को सेशंस कोर्ट से जमानत मिल गई. लेकिन, कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई है. अगर इसका उल्लंघन हुआ तो उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ सकता है. कोर्ट की तरफ से शर्तों में कहा गया कि राणा दंपति ऐसा कोई अपराध दोबारा नहीं करेंगे. इसके साथ ही, 50 हजार रुपये का निजी मुचलका भी उन्हें जमा कराना होगा.
शर्तों का कड़ाई से करना होगा पालन
शर्तों में आगे ये भी कहा गया है कि पुलिस उन्हें 24 घंटे पहले नोटिस देगी, इसके बाद उन्हें पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने के लिए आना होगा. राणा दंपति को मोबाइल पर भी पुलिस अटेंडेंस के लिए आने के लिए पुलिस की तरफ से मैसेज किया जा सकता है. नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट मीडिया से बात करते हुए बताया कि नवनीत राणा और रवि राणा कोर्ट को ने जमानत दे दी है. कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं. उन्हें पूछताछ और जांच के दौरान सहयोग करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही, पुलिस से कहा गया है कि 24 घंटे पहले ही उन्हें नोटिस दें.
राणा दंपति के वकील ने कहा कि उम्मीद है कि आज शाम तक वे जेल से बाहर आ जाएंगे. राणा दपंति को मीडिया से बात नहीं करना है. पुलिस जब भी बुलाए तो उन्हें 24 घंटे के अंदर पुलिस के सामने पेश होना है. सरकारी वकील प्रदीप घरात ने बताया कि कोर्ट ने बेल दिया है strtict conditions रखी है. सबसे जरूरी है कि मीडिया से बात नहीं बात करेंगे, पुलिस जब भी बुलाए जाना पड़ेगा.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की सार्वजनिक घोषणा से उत्पन्न विवाद में निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को 23 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था. शनिवार को इस मामले में दोनों पक्ष के वकीलों ने जमानत अर्जी पर अपनी दलीलें पूरी की थीं.
विशेष न्यायाधीश आरएन रोकडे ने सोमवार के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था लेकिन आदेश इसलिए नहीं दिया जा सका क्योंकि अदालत अन्य मामलों में व्यस्त थी और (राणा दंपति के जमानत आदेश से) संबंधित श्रुतलेख पूरा नहीं हो पाया था.
राणा दंपति ने अपने खिलाफ राजद्रोह और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मुंबई पुलिस की एफआईआर के मामले में जमानत के लिए अदालत का रुख किया था. उनकी जमानत याचिका में कहा गया था कि 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाला नहीं कहा जा सकता और आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत इस आरोप को कायम नहीं रखा जा सकता.
याचिका में कहा गया था कि मुख्यमंत्री के निजी आवास के पास हनुमान चालीसा का पाठ करके लोगों को भड़काने या नफरत फैलाने का राणा दंपति का कोई इरादा नहीं था. पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और बडनेरा से विधायक रवि राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना को छोड़ दिया था.