नई दिल्ली: महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर तस्वीर फिलहाल अभी तक साफ होती नहीं दिख रही है. लगातार सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किस गठबंधन की सरकार बनेगी. हर गुजरते दिन के साथ एक नई चर्चा शुरू हो रही है. इस सब के बीच महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतकर आई सांसद नवनीत कौर राणा ने शरद पवार की एनसीपी और बीजेपी के बीच गठबंधन की बात कर एक बार फिर से उस समीकरण की बात को बल दे दिया है जो कुछ दिनों पहले तक चर्चा में था लेकिन पिछले कुछ दिनों के दौरान उस पर चर्चा होना बंद हो गई थी. नवनीत कौर ने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि महाराष्ट्र में एनसीपी और बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार बने.


शिवसेना को बताया बेईमान-


नवनीत कौर राणा ने शिवसेना के ऊपर हमला करते हुए बिना नाम लिए कहा कि बेईमान लोगों की वजह से महाराष्ट्र के ऐसे हालात बने हैं. चुनाव से पहले साथ आए थे अब सिर्फ अपनी महत्वाकांक्षा के चलते हैं वह साथ छोड़ दिया.


120 विधायकों के समर्थन वाली पार्टी भला मुख्यमंत्री पद का दावा कैसे छोड़ दें-


नवनीत कौर ने कहा कि जनता ने बीजेपी शिवसेना गठबंधन को वोट दिया था और आज हालात यह है कि बीजेपी के पास 120 विधायक हैं (जिसने 105 बीजेपी के अपने और 15 निर्दलीय शामिल हैं) और शिवसेना मुख्यमंत्री पद मांग रही है जो की पूरी तरह गलत है। 120 विधायक का समर्थन होने के बाद भला बीजेपी किसी और का मुख्यमंत्री क्यों बनने देगी और यह सही भी नहीं है की 56 सीटें लेकर आप मुख्यमंत्री पद के सपने देखने लगे.


ये भी पढ़ें-


महाराष्ट्र में चल रही सियासी हलचल पर मुनव्वर राना ने कही ये शायरी


मोदी द्वारा पवार की तारीफ के क्या है मायने-


नवनीत कौर राणा ने प्रधानमंत्री के राज्यसभा के 250 सत्र के मौके पर दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मेरा तो मानना है कि आज जिस तरीके से प्रधानमंत्री ने पवार साहब की तारीफ की है तो यह काफी कुछ इशारा करता है. मैं तो चाहती हूं कि पवार साहब मोदी जी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाएं और जनता सरकार दे.


पवार के पत्ते खुलने के बाद ही तस्वीर होगी साफ-


पवार की चुप्पी पर नवनीत कौर राणा ने कहा कि पवार साहब पत्ते नहीं खोल रहे तो इससे अंदाजा लगता है कि उन पत्तों के पीछे बहुत कुछ है और तस्वीर तभी साफ होगी जब वह पत्ते पलटे जाएंगे.


ये भी पढ़ें-


महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सोनिया गांधी से मिले शरद पवार, करीब 50 मिनट तक चली बैठक