संसद की विशेषाधिकार समिति में उठा Navneet Rana की गिरफ्तारी का मामला, राजद्रोह लगाने पर सांसद नाराज
बीजेपी सांसद राणा के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने से बेहद नाराज़ दिखे. उनका कहना था कि नवनीत राणा की घोषणा के बाद जिस तरह उन्हें अपने घर से निकलने तक नहीं दिया गया वो बेहद आपत्तिजनक था.
Parliament's Privileges Committee: हनुमान चालीसा विवाद मामले में सांसद नवनीत राणा और उनके पति की गिरफ़्तारी पर आज संसद की विशेषाधिकार समिति की बैठक में नाराज़गी जताई गई. समिति की बैठक में सदस्यों ने राणा के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार पर भी गहरी चिंता जताते हुए समिति से इस पर संज्ञान लेने की मांग की.
सूत्रों के मुताबिक आज समिति की बैठक में मौजूद सदस्यों ने एक स्वर में नवनीत राणा की गिरफ़्तारी का मामला उठाया . बैठक में मौजूद बीजेपी के सांसदों ने इस पर अपनी विशेष नाराज़गी जताई. उनका कहना था कि नवनीत राणा के हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा के बाद उनके साथ जो व्यवहार किया गया वो किसी भी तौर पर सही नहीं था.
राजद्रोह दर्ज करने का नहीं है कोई औचित्य
बीजेपी के सांसद खास तौर पर राणा के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने से बेहद नाराज़ दिखे. उनका कहना था कि नवनीत राणा की घोषणा के बाद जिस तरह उन्हें अपने घर से निकलने तक नहीं दिया गया वो बेहद आपत्तिजनक था क्योंकि वो एक सांसद हैं और उस घटना से एक सांसद के विशेषाधिकार का हनन हुआ.
सांसदों के मुताबिक राणा की घोषणा के चलते न तो कोई हिंसा हुई और न ही किसी को नुकसान हुआ. ऐसे में उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज करने का कोई औचित्य नहीं था. सदस्यों ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए समिति से गंभीरतापूर्वक विचार करने की मांग की.
दलित महिला के साथ हुआ अत्याचार दिलाता है अंग्रेजों की याद
सूत्रों का कहना है कि लोकसभा सचिवालय की ओर से महाराष्ट्र सरकार से इस मामले में जो रिपोर्ट मांगी गई है, वो आने के बाद इसपर आगे की बैठकों में फिर विचार किया जाएगा. बैठक के बाद जब एबीपी न्यूज़ ने समिति के सदस्य और बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल से बात की तो उन्होंने समिति की बैठक के बारे में बताने से तो इनकार किया लेकिन इतना जरूर कहा कि नवनीत राणा के साथ जो व्यवहार हुआ उससे लगता है कि महाराष्ट्र में सरकार नहीं बल्कि हुकूमत चल रही है. सिग्रीवाल ने कहा कि एक दलित और महिला सांसद से हुआ व्यवहार अंग्रेजों के जमाने की याद दिलाता है.
टीएमसी की अर्जी पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी समिति की बैठक
आज की बैठक का एजेंडा टीएमसी सांसद शिशिर अधिकारी की सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर टीएमसी की अर्जी पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी जिसमें टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की ओर से आज मौखिक साक्ष्य दिया जाना था. किसी कारणवश बंदोपाध्याय बैठक में आज नहीं आ सके और ये मामला अगली बैठक तक टल गया. बीजेपी सांसद सुनील कुमार सिंह समिति के अध्यक्ष हैं.
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