नई दिल्ली: ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है जब प्रशिक्षण के साथी रहे उच्च पदों पर पहुंचते हैं. अब ये संयोग है कि थल सेनाध्यक्ष, वायु सेनाध्यक्ष और जल सेनाध्यक्ष एक ही कड़ी में देखे जाने वाले हैं. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नवरणे 31 दिसंबर को अगले सेनाध्यक्ष होने जा रहे हैं. नवरणे बिपिन रावत की जगह 28वें सेना प्रमुख होंगे लेकिन ये अजीब संयोग है कि नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में प्रशिक्षण के दौरान उनके साथ एडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया भी रहे थे. एडमिरल करमबीर सिंह 24वें जलसेना प्रमुख के तौर पर 31 मार्च को पदभार ग्रहण किया था जबकि एयर चीफ मार्शल भदौरिया 30 सितंबर को 26वें वायुसेनाध्यक्ष बने. इन तीनों ने एनडीए में तीन साल तक एक साथ बिताया था.


दिलचस्प बात ये है कि तीनों सेना प्रमुखों के पिता वायुसेना अधिकारी रहे हैं.


स्कूल के दिनों से नवरणे और करमबीर सिंह दोस्त थे


तीन साल के कड़े प्रशिक्षण के बाद तीनों जल सेना, वायु सेना और थल सेना में शामिल हुए. ऐसा बहुत कम देखने को मिला है कि एनडीए में रहे कोर्स के साथी एक साथ उच्च पद पर पहुंचते हैं.


आपको बता दें कि एनडीए में प्रशिक्षण के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नवरणे और एयर चीफ मार्शल भदौरिया ‘लीमा स्कवैड्रन’ में थे जबकि एडमिरल करमबीर सिंह ‘हंटर स्कवैड्रन’ में थे. एनडीए में आने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल नवरणे और एडमिरल करमबीर सिंह एक साथ एक ही स्कूल से पढ़ाई की थी. उनकी दोस्ती उसी वक्त से बरकरार थी. नवरणे को सीमाओं पर या कश्मीर में दुश्मनों से मोर्चा लेने का काफी लंबा अनुभव भी है. 22 अप्रैल 1960 को पैदा हुए नरवणे का कार्यकाल 28 महीने का होगा.


सर्विस रूल्स के मुताबिक, सेनाध्यक्ष तीन साल या 62 साल की उम्र तक अपने पद पर बना रह सकता है जबकि तीन स्टार प्राप्त जनरल (लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल) 60 साल की उम्र होने पर रिटायर हो जाएंगे.