Navratri 2019: आज से शारदीय नवरात्र का आगाज हो गया है. पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जा रही है. देशभर में श्रद्धालु मंदिरों में देवी मां की पूजा कर रहे हैं. इस बार शारदीय नवरात्र आज से लेकर 7 अक्तूबर तक मनाया जाएगा. 8 अक्तूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा. नवरात्रों में मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना होती है.
नवरात्रि के समय भक्त मंदिरों में पूजा-पाठ करने के लिए जाते हैं. इस दौरान घरों में भी अनुष्ठान करवाए जाते हैं. यह त्यौहार बताता है कि बुराई चाहे जितनी शक्तिशाली हो उसे अच्छाई से हारना पड़ता है.
ऐसा माना जाता है कि महिषासुर नाम का एक राक्षस था जिसको वरदान था कि कोई देवता उसे हरा नहीं पाएगा. अपने पराक्रम के बल पर उसने स्वर्ग पर कब्जा कर लिया और देवताओं से वहां से भगा दिया. जिसके बाद सभी देवताओं ने मिलकर देवी का आह्वान किया और देवी ने महिषासुर का वध किया था.
किस वक्त करें कलश स्थापना?
आज कलश सुबह 6.13 बजे से लेकर 7:40 तक स्थापित करें. अभिजीत मुहुर्त में भी सुबह 11:47 से दोपहर 12:25 बजे तक कलश स्थापना कर सकते हैं. नारंगी रंग का धागा भी कलाई में बांध सकते हैं.
कलश स्थापना के दौरान रेत का इस्तेमाल करें. रेत में जौ भी डालें. इसके बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, चंदन, अक्षत, हल्दी, पैसा, पुष्पादि डालें. जिसके बाद कलश को सात अनाजों के साथ रेत के ऊपर स्थापित कर दें.
कलश स्थापना बहुत आवश्यक होता है. कलश स्थापना वाले जल का उपयोग प्रसाद के रूप में पीने के लिए भी कर सकते हैं. आज से ही दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करें. भक्त आज के दिन पहले अध्याय को पढ़ते हैं.
शारदीय नवरात्रि की तिथियां-
29 सितंबर 2019 में मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी.
30 सितंबर 2019 में मां बह्मचारिणी की पूजा की जाएगी.
1 अक्टूबर 2019 में मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी.
2 अक्टूबर 2019 में मां कुष्मांडा की पूजा की जाएगी.
3 अक्टूबर 2019 में मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी.
4 अक्टूबर 2019 में मां सरस्वती की पूजा की जाएगी.
5 अक्टूबर 2019 में मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी.
6 अक्टूबर 2019 में मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी.
7 अक्टूबर 2019 में मां महागौरी की पूजा की जाएगी.
8 अक्टूबर 2019 में विजयदशमी मनाई जाएगी