NDA Passing Out Parade: पुणे के में बुधवार (30 नवंबर) को नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) की 143वीं पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार (Navy Chief Admiral R. Hari Kumar) भी मौजूद रहे. नौसेना प्रमुख ने इस दौरान कैडेट्स को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.
साथ ही उन्होंने कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि आज एक ऐसी दुनिया जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोनोमस प्लेटफार्मों जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी के आने से सिक्योरिटी सिनेरियो को जटिल बना दिया है. एक ऐसी दुनिया जिसमें आपको अंतरिक्ष, साइबरस्पेस और कॉग्निटिव डोमेन को शामिल करने के लिए जमीन, समुद्र और हवा के पारंपरिक सीमाओं से परे खतरों पर बातचीत करने की आवश्यकता होगी.
नौसेना प्रमुख ने कैडेट्स को कहा कि जैसे ही आप इस सैन्य अकादमी से बाहर कदम रखेंगे एक ऐसी अरूपी दुनिया का सामना करेंगे, जो अब युद्ध और शांति की सरल परिभाषाओं द्वारा परिभाषित नहीं है. एक ऐसी दुनिया, जिसमें ट्रेडिशनल वार का खतरा अभी भी मौजूद है.
भारतीय सैन्य अकादमी
बुधवार को पुणे के खडकवासला में एनडीए के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. एनडीए की यह परेड खेत्रपाल मैदान में होती है. मैदान का नाम द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के नाम पर रखा गया है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शकरगढ़ के युद्धक्षेत्र में बसंतर की लड़ाई में शहीद हो गए थे. तीनों वर्तमान सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अकादमी के 61वें कोर्स से हैं. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी अकादमी के पूर्व छात्र हैं.
एनडीए की पासिंग आउट परेड अकादमी में तीन साल के लंबे और कठिन ट्रेनिंग के बाद सैन्य एकेडमी से बाहर निकलते हैं. एनडीए से पास आउट होने के बाद कैडेट अपने संबंधित सशस्त्र बलों की अकादमियों में पूर्व-कमीशन ट्रेनिंग के एक और साल के लिए निकल जाते हैं. बता दें कि केरल के कन्नूर जिले में स्थित एझिमाला में भारतयी नौसेना अकादमी है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भारतीय सेना के लिए सैन्य अकादमी है. वहीं, वायु सेना के लिए तेलंगाना में स्थित डुंडीगल में वायुसेना अकादमी है.
ऐसे होती ही एनडीए की पासिंग आउट परेड
परेड की शुरुआत परेड ग्राउंड अपना स्थान लेने के साथ होती है. इसके बाद एनडीए के गाने हम एनडीए के कैडेट हैं की धुनों पर मार्च करते हुए क्वार्टरमास्टर के किले के गेट से बाकी की टुकड़ियां निकलती हैं. अकादमी के डिप्टी कमांडेंट और कमांडेंट पुणे मुख्यालय दक्षिणी कमान के सेना कमांडर के बाद मैदान में आते हैं. इसके बाद, समीक्षा अधिकारी (आरओ) - जो इस बार नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार एक औपचारिक बग्गी में आते हैं. आरओ के आगमन को परेड के पहले फ्लाईपास्ट द्वारा चिह्नित किया जाता है, जो हेलीकॉप्टरों का होता है. परेड में हेलीकॉप्टरों, ट्रेनर विमानों और लड़ाकू विमानों के प्रभावशाली फ्लाईपास्ट होते हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना के फ्रंटलाइन लड़ाकू जेट, सुखोई -30 एमकेआई शामिल हैं.
इसके बाद कैडेट कदम कदम बढ़ाए जा की मार्शल धुन पर आगे बढ़ते हैं और आरओ को सलामी देते हैं क्योंकि प्रत्येक टुकड़ी पोडियम से गुजरती है. आरओ तब अकादमी के पदक विजेता कैडेटों पर पदक डालता है और कैंपियन स्क्वाड्रन को सम्मानित भी करता है. आरओ तब परेड और उपस्थित लोगों को संबोधित करता है. इसके बाद तमाम प्रोटोकॉल को पूरा करते हुए परेड के अंतिम चरण में पासिंग आउट कैडेटों के लिए अकादमी में तीन साल के कठिन प्रशिक्षण की भावनात्मक पराकाष्ठा होती है. परेड में भाग लेने वाले जूनियर कैडेट क्वार्टरमास्टर किले की ओर वापसी करते है. पासिंग आउट कैडेटों ने खेत्रपाल ग्राउंड के क्वार्टरडेक फ्लैग मास्ट पर अंतिम चरण के पास मार्च करते हैं, जिसमें जिसमें मिलिट्री बैंड द्वारा ओल्ड लैंग सिने की मधुर धुन बजाई जाती है.
इसे भी पढ़ेंः-