Former Indian Navy Personnel: नौसेना के चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार ( 1 दिसंबर) को कहा कि कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व नौसैनिकों को वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार इसको लेकर हरसंभव प्रयास कर रही है. 


एडमिरल कुमार ने कहा, ‘‘हम उनके हित सुनिश्चित करने के लिए निकटता से काम कर रहे हैं. भारत सरकार उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.'' दरअसल, कतर की एक कोर्ट ने आठ पूर्व सैनिकों को मौत की सजा सुनाई है. 


विदेश मंत्रालय ने क्या कहा था?
पूरे मामले में हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मामले को उच्च महत्व देते हुए सभी कानूनी विकल्प तलाश रह हैं. हम आठों सैनिकों की देश वापसी की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हालांकि कतर के अधिकारियों की ओर से भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है. 


किस मामले में हिरासत में लिया गया था?
भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की एक कोर्ट ने 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने कहा था कि वह इस फैसले से बेहद ‘‘स्तब्ध’’ है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है.


मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की जा चुकी है और कतर की एक उच्च अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है. यह अपील जेल में बंद इन भारतीय नागरिकों की कानूनी टीम ने दायर की है.  ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी में काम कर रहे थे और इन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था. 


भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोप 25 मार्च को दायर किए गए और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया.  पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि सभी अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 साल तक का बेदाग कार्यकाल रहा है. 


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