नई दिल्ली: नौसेना दिवस के मौके पर नेवी चीफ के इस बयान से कि देश की मैरीटाइम थियटेर कमान पर तेजी से काम चल रहा, चर्चाओं का दौर गरम हो गया है. नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के मुताबिक, वाइस चीफ (सहनौसेनाध्यक्ष) के नेतृत्व में एक ज्वाइंट कमेटी इस मैरीटाइम कमान के प्रारूप पर काम कर रही है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को सौंप देगी.
इंटीग्रेटेड कमान पर होगी नौसेना की सभी ऑपरेशन्ल की जिम्मेदारी
इस साल के शुरूआत में सीडीएस का पदभार संभालने के तुरंत बाद ही जनरल बिपिन रावत ने भी साफ कर दिया था कि उनके चार्टर में एक इंटीग्रेटेड मैरीटाइम थियेटर कमान बनाना प्रमुख जिम्मेदारी है. एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, मैरीटाइम थियेटर कमान (एमीटीसी) के अंतर्गत देश की 7500 किलोमीटर लंबी समुद्री-सीमाओं की सुरक्षा तो होगी ही साथ ही नौसेना की सभी ऑपरेशन्ल जिम्मेदारी इस इंटीग्रेटेड कमान की होगी. इसके तहत हिंद महासागर के करीब 7 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की सुरक्षा और ऑपेरशन्स की जिम्मेदारी एमटीसी की होगी.
इन ऑपरेशन्स में दुश्मन देशों के युद्धपोत और पनडुब्बियों की निगरानी, उनसे होने वाले किसी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देना, एंटी-पायरेसी पैट्रोलिंग, सर्च एंड रेस्कयू ऑपरेशन्स, एचएडीआर ऑपरेशन्स यानि ह्यूमैनेटेरियन अस्सिटेंस एंड डिस्साटर रिलीफ भी इसी कमान की प्रमुख जिम्मेदारी होगी. माना जा रहा है कि हिंद महासागर के परे जितने भी समंदर हैं वहां भारतीय नौसेना की मौजूदगी और कोर्डिनेटेड-पैट्रोलिंग (दूसरे देशों की नौसेनाओं के साथ) वो भी एमटीसी की ही जिम्मेदारी होगी. सूत्रों के मुताबिक, इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए नौसेना के सभी युद्धपोत, एयरक्राफ्ट कैरियर और लड़ाकू विमान, सर्विलांस-एयरक्राफ्ट भी एमटीसी के अंतर्गत काम करेंगे.
यानि नौसेना की फिलहाल जो दो ऑपरेशन्ल कमान हैं, विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी कमान और मुंबई स्थित पश्चिमी कमान उनके सभी नेवल-एसेट्स इसी एमटीसी के अंतर्गत आ जाएंगे. आपको बता दें कि नौसेना की जो तीसरी कमान है कोच्चि में (दक्षिणी कमान) वो एक ट्रेनिंग कमान है. सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना के वो एयरक्राफ्ट्स जिनकी जिम्मेदारी समुद्री-सुरक्षा की है वो भी इसी मैरीटाइम थियेटर कमान के अंतर्गत होंगे. इसके अलवा थलसेना की वे ब्रिगेड्स जिनकी जिम्मेदारी फिलहाल एम्फीबियस-ऑपरेशन्स की है वो भी एमटीसी कमांड के अंतर्गत होंगी. थलसेना के पास फिलहाल ऐसी दो ब्रिगेड हैं. इसके अलावा, माना जा रहा है कि कोस्टगार्ड के सभी जहाज, बोट्स, हेलीकॉप्टर्स और एयरक्राफ्ट्स भी इसी एमटीसी के अंतर्गत होंगे.
‘मिलिट्री-डिप्लोमेसी’ नौसेना प्रमुख की अहम जिम्मेदारी होगी- बिपिन रावत
नौसेना दिवस से ठीक पहली सालाना प्रेस कांफ्रेंस में एडमिरल करमबीर सिंह भी कह चुके हैं कि देश की फिलहाल एकमात्र ऑपरेशन्ल इंटीग्रेटेड कमान है (अंडमान निकोबार कमान) वो भी इसी मैरीटाइम थियेटर कमान के अंतर्गत काम करेगी. सूत्रों की मानें तो मैरीटाइम थियेटर कमान का प्रमुख यानि कमांडर-इन-चीफ नौसेना का एक थ्री-स्टार जनरल (वाइस एडमिरल) होगा और इसका मुख्यालय गोवा से सटे कारवार (कर्नाटक) में होगा. कारवार में नौसेना का सामरिक महत्व का बेस है. एमटीसी, नौसेना के बजाए सीडीएस को रिपोर्ट करेगी.
लेकिन सूत्रों की मानें तो मैरीटाइम कमान बनने से नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जायेगी. नौसेना प्रमुख का दफ्तर राजधानी दिल्ली में ही होगा और नौसेना की प्रशासनिक और ट्रेनिंग की जिम्मेदारी होगी. मित्र-देशों की नौसेनाओं के साथ युद्धभ्यास की जिम्मेदारी भी इसी एमटीसी की होगी. सीडीएस, जनरल बिपिन रावत भी कह चुके हैं कि ‘मिलिट्री-डिप्लोमेसी’ नौसेना प्रमुख की अहम जिम्मेदारी होगी.
देश में तीनों सेनाओं की कुल 17 कमान है
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेनाओं के तीनों अंगों के बीच ज्वाइंटनेस और इंटीग्रेशन पर खासा जोर देते हैं और इसीलिए सरकार ने पिछले साल देश में पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस के पद तैयार किया था. सीडीएस की अहम जिम्मेदारी देश में थियेटर कमान बनाने की हैं. क्योंकि अभी देश में तीनों सेनाओं, थलसेन, वायुसेना और नौसना की कुल 17 कमान हैं. इन सभी 17 कमानों को कम से कम पांच-छह थियेटर कमान में बदलना सीडीएस के लिए एक बड़ी चुनौती है.
इन थियेटर कमान में चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर तीन कमान हों सकती हैं. एक कमान वायुसेना से जुड़ी एयर डिफेंस कमान होगी. हालांकि, अभी साफ नहीं है कि देश में पहली थियेटर कमान कौन सी होगी, लेकिन एयर डिफेंस कमान और मैरीटाइम सबसे पहले बनकर तैयार हो सकती हैं. क्योंकि एलएसी पर चीन से चल रहे टकराव के चलते चीन और पाकिस्तान से सटी थियेटर कमान में देरी हो सकती है.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सभी मिलिट्री-चीफ इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि भारत में थियेटर कमान का मॉडल चीन या फिर अमेरिकी जैसे देशों की तर्ज पर नहीं होगा. थियेटर कमान के लिए भारत अपनी ऑपरेशन्ल, प्रशासनिक और लॉजिस्टिक जरूरतों के हिसाब से एक अलग मॉडल तैयार करेगा. अमेरिका में 90 के दशक से ही ज्वाइंट थियेटर कमान हैं जबकि चीन ने वर्ष 2016 में अपनी सेनाओं के लिए थियेटर कमान तैयार कर लिए थे. चीन में पांच थियेटर कमान हैं जिनमें से एक वेस्टर्न थियेटर कमान की जिम्मेदारी भारत से जुड़ी सीमाओं की है.
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