मुंबई: कुछ दिन पहले ही मुंबई से सटे पालघर इलाके में नेवी सेलर सूरज दुबे की जलाकर हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि सूरज को चेन्नई से किडनैप कर लिया गया था और फिर उसे पालघर लाकर जिंदा जला दिया गया था. इस मामले की जांच करने के लिए पालघर पुलिस ने 8 टीमें बनाई हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की हमारी एक टीम चेन्नई गई है, जो यह पता लगा रही है कि अगर वह एयरपोर्ट से किडनैप हुआ? तो इसके पीछे कौन हैं? इस बात का पता लगाने के लिए टीम एयरपोर्ट के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है.


जांच के दौरान यह भी पता चला है कि सूरज दुबे के पास दो बैंक अकाउंट्स हैं, जिसमें से एक बैंक अकाउंट के एटीएम का इस्तेमाल कर एक फरवरी को चेन्नई की एक एटीएम मशीन से 5000 रुपये निकाले गए थे. चेन्नई गई पालघर की टीम उस एटीएम मशीन में लगे सीसीटीवी की जांच भी कर रही है, जिससे ये पता चले किसने पैसे निकाले थे.


दूसरी टीम रांची गई है, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या सूरज का छुट्टी के दौरान उनके गांव वालों के साथ किसी तरह का झगड़ा तो नहीं हुआ था. पुलिस उनके गांव वालों के साथ-साथ उनके दोस्तों से पूछताछ कर रही है. और तीसरी टीम कोयंबटूर भेजी गई है, जहां पर उसका बेस है. टीम उसके दोस्तों से और कलीग्स से पूछताछ करेगी.


जांच के दौरान पुलिस को सूरज के पास से तीन मोबाइल फोन मिले हैं, जिसमें से दो मोबाइल फोन के बारे में ही परिवार वालों को जानकारी थी. तीसरा मोबाइल फोन उसने 23 जनवरी को खरीदा था, जिसका इस्तेमाल वह ट्रेडिंग के लिए करता था. किडनैपिंग के तुरंत बाद इसके दो मोबाइल स्विच ऑफ हो गए थे, पर उसका तीसरा मोबाइल 1 फरवरी को स्विच ऑफ हुआ.


पुलिस अब यह पता लगा रही है कि 30 जनवरी से 1 फरवरी के बीच यह तीसरा फोन जो कि उस समय चालू था, कहां कहां ट्रैवेल किया है. उन तमाम जगहों पर पुलिस की एक टीम विजिट करेगी. पुलिस जब जख्मी सूरज से पूछताछ कर रही थी कि किडनैपर्स उसे 1396 किलोमीटर किडनैप करके कैसे लाए और कितने बजे के आसपास वह यहां पहुंचा उस समय उसने बताया कि वह 9 बजे पहुंचा.


पालघर पुलिस की मानें तो सूरज के पास दो बैंक अकाउंट हैं, जिसमें से एक में 302 रुपये बैलेंस है तो दूसरे में सिर्फ 90 रुपये ही बचे हैं. बैंक स्टेटमेंट्स से पता चलता है कि सूरज ने 8 लाख रुपये के करीब पैसे लोगों से लोन के रूप में लिए थे, जिसका इस्तेमाल उसने स्टॉक मार्केट और शेयर ट्रेडिंग में किया. इसने धर्मेंद्र नाम के अपने दोस्त से पौने छह लाख रुपये कैश में उधार लिए थे, जिसे उसने अब तक नहीं लौटाया है.


सूरज ने अगस्त 2012 में नेवी जॉइन की थी और तब से लेकर 2019 तक वह मुंबई के कोलाबा में पोस्टेड था.


कुछ सवाल जिसका पुलिस ढूंढ रही है जवाब
अगर किडनैपर्स ने दो मोबाइल स्विच ऑफ किया तो तीसरा मोबाइल क्यों नही किया?


आखिर सूरज को कैसे पता चला कि सुबह 9 बजे उसे पालघर लाया गया था? जबकि उसकी आंखों पर पट्टी बंधी थी और उसके पास घड़ी भी नहीं थी?


इरफाम नाम का शख्स कौन है? जब आरोपी एक दूसरे से बात कर रहे थे, तब वे लोगों ने एक इरफाम नाम का उच्चारण किया था, जिसे सूरज ने सुना था.


सूरज को क्या उन लोगों ने मारा, जिनसे उसने उधार लिया था?


सूरज ने कोयंबटूर जाने का इतना लंबा रास्ता क्यों चुना?


दरअसल वह अपने गांव कोल्हुआ खुर्द से निकलकर डाल्टन गंज पहुंचा. वहां से बस से रांची फिर वहां से फ्लाइट पकड़कर हैदराबाद गया और फिर वहां से दूसरी फ्लाइट से चेन्नई पहुंचा. जबकि हैदराबाद से कई फ्लाइट डायरेक्ट कोयंबटूर जाती हैं.


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