नई दिल्ली: छह दिन की कड़ी मशक्कत के बाद भारतीय नौसेना की डाइविंग टीम मेघालय की कोयले की खदान में फंसे पांच मजूदरों में से एक के शव को खोज निकालने में कामयाब हो गई है लेकिन चार मजूदर अभी भी लापता हैं. भारतीय नौसेना के मुताबिक मेघालय के पूर्वी जांतिया हिल्स की इस कोयले की खदान में रेस्क्यू मिशन करना बेहद ही जटिल ऑपरेशन है.


कोयले की खदान में जिस जगह 12 जून से मजूदर लापता हैं, वो करीब 400 फीट गहरी शाफ्ट है. इस 400 फीट शाफ्ट के नीचे करीब 100 फीट पानी भरा है. शाफ्ट भी बेहद संकरी है, जिसमें एक आदमी मुश्किल से ही आ पाता है. ऐसे में 100 फीट गहरे पानी में मजूदरों को खोज पाना बेहद मुश्किल काम है, लेकिन नौसेना की 12 सदस्य डाइविंग टीम रेस्क्यू मिशन में जुटी है.


नौसेना के मुताबिक डाइविंग टीम के पास खास डाइवर-हैंड हैल्ड नेविगेशन सिस्टम है, लेकिन घटनास्थल पर लगातार हो रही बारिश और पानी के नीचे 3-5 डिग्री तापमान से डाइवर्स के लिए भी हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है. इन सबके बावजूद मजूदरों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है क्योंकि इतने गहरे पानी में उतरने के लिए नौसेना के डाइवर्स बेहद दक्ष होते हैं.


जानकारी के मुताबिक, कोयला खदान में मजूदरों के गायब होने के लिए एनडीआरएफ और राज्य-सरकार की फायर और इमरजेंसी सर्विस जैसी एजेंसियां जुटी हुई थीं. लेकिन 12 जून को नौसेना की मदद भी ली गई. बता दें कि वर्ष 2018 में भी मेघालय में एक खदान में 15 मजूदर फंस गए थे. उनके लिए भी नौसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था.


नेवल एक्सरसाइज


इस बीच खबर है कि नौसेना का आईएनएस त्रिकंड युद्धपोत फारस की खाड़ी में दो दिवसीय यूरोपीय नेवल एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहा है. इस एक्सरसाइज में फ्रांस के दो युद्धपोत, इटली और स्पेन के एक-एक वॉरशिप हिस्सा ले रहे हैं. पहली बार हो रही इस एक्सरसाइज को ‘यूनवफोर’ नाम दिया गया है. दो दिन (18-19 जून) तक चलने वाली इस एक्सरसाइज में एयर-डिफेंस, एंटी-सबमरीन, क्रॉस-डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन्स, सर्च एंड रेस्क्यू जैसे मेरीटाइम सिक्योरिटी ऑपरेशन्स की ड्रिल की जाएगी.


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