महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे आज विपक्षी पार्टी बीजेपी पर जमकर बरसे. उन्होंने मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग और रिश्तेदार के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने विधानसभा में कहा, ''आप नवाब मलिक का इस्तीफा मांग रहे हैं. पहले आप बताएं, आपने महबूबा मुफ्ती का समर्थन क्यों किया, जिन्हें अफजल गुरु और बुरहान वानी से सहानुभूति थी.''
नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े धनशोधन जांच में के सिलसिले में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था. एनसीपी नेता 7 मार्च तक ईडी की हिरासत में थे और बाद में उन्हें 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इसके बाद उन्हें 4 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया गया.
उद्वव ठाकरे ने कहा कि अगर नवाब मलिक का दाऊद इब्राहिम से सालों पुराना नाता था तो इतने सालों से केंद्रीय एजेंसियां क्या कर रही थीं? मामला कोर्ट में है. मुझे लगता है कि फडणवीस को ईडी द्वारा भर्ती किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने ईडी को सभी दस्तावेज दिए थे, जैसा कि उन्होंने कहीं कहा था.
ठाकरे ने कहा कि दाऊद इब्राहिम कहां है? क्या किसी को पता है कि वह कहां है? आपने राम मंदिर के नाम पर पिछला चुनाव लड़ा था. अब क्या आप दाऊद के नाम पर वोट मांगने जा रहे हैं? क्या ओबामा ने लादेन के नाम पर वोट मांगे थे? हिम्मत है तो दाऊद को मार डालो?
उद्धव ठाकरे ने कहा, ''सत्ता में आना है तो आओ सत्ता में. लेकिन सत्ता में आने के लिए यह सब कुचक्र मत करो. हमारे, उनके, किसी और के परिवार वालों को परेशान मत करो. हमने कभी तुम्हारे परिवार वालों को परेशान नहीं किया. ऐसा नहीं है कि हम कह रहे कि तुम्हारे परिवारों ने कुछ गलत किया है या उनका कुछ ऐसा है जिसको लेकर हम तुम्हें परेशान कर सकते हैं. कहना सिर्फ यह है कि परिवार वालों को परेशान मत करो.''
ठाकरे ने कहा, ''सत्ता में आने के लिए अगर हमें जेल में डालना है तो डाल दो. अयोध्या में बाबरी मस्जिद के नीचे राम मंदिर आपको मिल गया, ऐसे ही आपको कृष्ण जन्मभूमि का भी शोध मिलता है तो वहां जो जेल है उसमें मुझे डालो. मैं कोई कृष्ण नहीं हूं शायद मैं देवकी के सात पुत्रों में से कोई एक होऊंगा. अगर आप मुझे जेल में डालेंगे तो मैं वहां कृष्ण जन्म का इंतजार करूंगा. जिस तरह से मैं यह कह पा रहा हूं कि मैं कोई कृष्ण नहीं हूं. इस तरीके से आपके अंदर भी क्षमता होनी चाहिए कि आप कह पाएं कि आप कंस नहीं हैं. आप कंस बनने की दिशा में मत बढ़िए.''