महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक को आज मुंबई के जेजे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है जिसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय ले जाया जाएगा. नवाब मलिक 25 फरवरी को अस्पताल में भर्ती हुए थे. दरअसल, नवाब मलिक दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे. 


नवाब मलिक की गिरफ्तारी से गुसाएं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य मंत्रियों ने बीते गुरुवार को धरना भी दिया था वहीं नवाब मलिक ने गिरफ्तारी के बाद कहा था कि, मैं लड़ूंगा, डरूंगा नहीं. बता दें, मलिक पिछले कुछ महीनों से चर्चा में हैं, जब से उन्होंने एंटी ड्रग्स एजेंसी एनसीबी के मुंबई क्षेत्र के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ निजी और सेवा से जुड़े आरोप लगाए थे. मलिक के दामाद समीर खान को गत वर्ष मादक पदार्थ के एक मामले के एक मामले में एनसीबी ने गिरफ्तार किया था. अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों, संपत्ति की अवैध रूप से कथित खरीद-फरोख्त और हवाला लेनदेन के संबंध में ईडी ने 15 फरवरी को मुंबई में छापेमारी की थी और एक नया मामला दर्ज किया था, जिसके बाद मलिक को गिरफ्तार किया गया. 






अदालत ने दवा और घर का खाना दिए जाने की दी अनुमति


नवाब मलिक पर पीएमएलए की विशेष अदालत ने बीते बुधवार को रिमांड पर भेजने का फैसला किया था. सूत्रों के अनुसार नवाब मलिक की हिरासत मिलने के बाद ईडी इस मामले में और भी गिरफ्तारियां कर सकती है. कोर्ट में नवाब मलिक के वकील ने कहा था कि मंत्री ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, ऐसे में उन्हें दवा और घर का खाना उपलब्ध कराया जाए जिसके लिए अदालत ने अनुमति दे दी थी. इस मामले को लेकर राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है. महा विकास आघाडी के नेता इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं और इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बता रहे हैं. 


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