नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में हुआ नक्सली हमला किसी स्थानीय मुखबिर की दी हुई सूचना का नतीजा था? सीआरपीएफ ने इस बाबत पूरे मामले की आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही नक्सली अब आतंकवादियों से भी हथियार लेने में परहेज नहीं कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में हुए बड़े नक्सली हमले के चलते 22 जवानों की जान चली गई और इसके चलते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी असम से अपना चुनावी दौरा रद्द कर छत्तीसगढ़ जाना पड़ा. छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवानों को श्रद्धांजलि दी और स्थानीय अधिकारियों समेत आला अधिकारियों से के साथ बैठक कर नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाने के निर्देश भी दिए. केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि घायलों की इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए. इस बीच सीआरपीएफ मुख्यालय में इस पूरे मामले की आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं.


सीआरपीएफ अपनी आंतरिक्त जांच के जरिए जानना चाहता है कि पूरे मामले में चूक कहां हुई. इसके लिए सीआरपीएफ का एक वरिष्ठ अधिकारी जल्दी घटनास्थल पर जाकर तत्वों की जांच करेगा और यह जानने की कोशिश करेगा कि यह किसी काली भेड़ की दी हुई सूचना तो नहीं थी या फिर ऑपरेशन के दौरान उठाए गए किसी गलत कदम का खामियाजा.


संभवत मिल गई थी ऑपरेशन की सूचना


सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से सुरक्षाबलों को घेरा गया और गांव के मकानों को खाली कर इसमें नक्सलियों को हथियारों के साथ बैठाया गया उससे साफ जाहिर होता है कि नक्सलियों को सुरक्षाबलो द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन की संभवत सूचना मिल गई थी. यही कारण है कि नक्सली अपनी तरफ से पूरी तरह से तैयार थी और उन्होंने बाकायदा सुरक्षाबलों को कहां घेरना है और कैसे मारना है इसकी एक पूरी रचना भी तैयार की थी.


सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों द्वारा किए गए सबसे बड़े दंतेवाड़ा हमले की जांच के दौरान भी यह बात सामने आई थी कि स्थानीय मुखबिरी के चलते ही फोर्स को नुकसान उठाना पड़ा था. जांच के दौरान पता चला था कि सीआरपीएफ की टीम का एक वायरलेस खुला रह गया था जिसे सुनकर स्थान ने मुखबिर ने नक्सलियों तक सूचना पहुंचा दी थी और जिसके चलते नक्सलियों ने 89 जवानों की हत्या कर दी थी.


जवानों के नौ हथियार भी लूटे


सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि नक्सलियों ने मारे गए जवानों के नौ हथियार भी लूट लिए हैं. इनमें सात एके 47 राइफल और एक एलएमजी भी शामिल है. सूत्रों के मुताबिक यह देखा गया है कि अब नक्सली हथियार लेने के लिए देश के बाहरी मौजूद देश विरोधी शक्तियों से भी हाथ मिलाने में परहेज नहीं कर रहे हैं.


ध्यान रहे कि छत्तीसगढ़ में शनिवार को हुए नक्सली हमले में सुरक्षा बलों के 22 जवान मारे गए थे और इस दौरान 15 नक्सलियों के मारे जाने की भी खबर है लेकिन नक्सली अपने ज्यादातर साथियों को ट्रैक्टर मे लाद कर ले भी गए फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है.


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