बस्तर: 120 से अधिक जवानों की हत्या में सीधे तौर पर आरोपी नक्सली नेता रमन्ना की मौत हो गई है. 37 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय रमन्ना नक्सली संगठन के सबसे महत्वपूर्ण सेंट्रल कमिटी का मेंबर था. साथ ही रमन्ना के पास पनिशमेंट स्पेशल जोनल कमिटी का प्रभार भी था. यानी कि बस्तर में नक्सली संगठन का सबसे बड़ा नाम रमन्ना ही था.

जानकारी के मुताबिक 7 दिसंबर को रमन्ना की मौत हार्ट अटैक से हुई है. इस बात की पुष्टी बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कर दी है. रमन्ना पर छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने कुल 1 करोड़ 37 लाख का इनाम रखा था. रमन्ना के खिलाफ कुल 32 अपराध दर्ज थे, जिसमें 2010 में ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या और 2014 में कसालपाड में 14 जवानों की हत्या जैसे मामले शामिल हैं.

तेलंगाना के वारंगल के रहने वाले रमन्ना का असली नाम राउलू श्रीनिवास था. रमन्ना 1982 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ और नक्सलियों के संगठन के सबसे बड़े पदों में से एक सेंट्रल कमिटी मेंबर बना था. रमन्न पर कई नक्सली हमलों में शामिल रहा था. जिसकी तलाश छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की थी. पिछली 7 दिसबंर को रमन्ना की हार्ट अटैक से मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें

राहुल ने फिर दोहराया 'Rape in India' का बयान, कहा- माफी नहीं मांगूंगा, मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं मोदी

ठेकेदार को धमकाती सपा प्रवक्ता का ऑडियो वायरल, प्रवक्ता ने बताया एडिटेड