Nayab Singh Saini: जेजेपी को किया किनारे, एंटी इंकंबेंसी की काट, लोकसभा चुनाव से पहले जाटलैंड हरियाणा में बीजेपी ने यूं बदला सियासी गेम
Nayab Singh Saini Haryana CM: हरियाणा में मनोहरलाल खट्टर की जगह नायाब सिंह सैनी ने ले ली है. सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इस कदम से BJP ने एक तीर से कई निशान साधे हैं.
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Nayab Singh Saini News: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी शासन वाले हरियाणा में मंगलवार (12 मार्च) को बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ. यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बने. यह बदलाव यूं ही नहीं आया, बल्कि कई राजनीतिक समीकरणों को साधकर लाया गया है.
लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेजेपी सिर्फ एक सीट मांग रही थी. जेजेपी चीफ दुष्यंत चौटाला ने मांग पूरी नहीं होने पर बीजेपी से रिश्ता तोड़ लिया लेकिन सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया. इस बीच मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे ने सारे राजनीतिक समीकरण को बदल दिया है.
एक तीर में साधे कई निशान
माना जा रहा है मनोहर लाल खट्टर की सरकार के खिलाफ राज्य में सत्ता विरोधी लहर थी. उनकी सरकार के खिलाफ न सिर्फ जाट, बल्कि अन्य बिरादरी के लोगों ने समय-समय पर नाराजगी दिखाई. किसान आंदोलन में शंभू बॉर्डर पर होने वाली गोलीबारी के लिए खट्टर सरकार निशाने पर थी. इसका असर पंजाब चुनाव में पड़ सकता था. इन तमाम समीकरणों को साधते हुए बीजेपी ने सीएम का चेहरा ही बदल दिया.
नायब सिंह सैनी राजनीति के सॉफ्ट चेहरे हैं. चुनाव से पहले सीएम बदलने का प्रयोग बीजेपी पहले भी गुजरात और त्रिपुरा में कर चुकी है, जिसके बेहतर नतीजे मिले थे. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री नहीं बदलने के कारण बीजेपी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
पूर्ण बहुमत में चलती रहेगी हरियाणा सरकार
दरअसल जेजेपी के सत्ता से हटने के बाद भी बीजेपी के पास हरियाणा विधानसभा में पूर्ण बहुमत है. 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के 41 सदस्य हैं. उसे 6 निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन हासिल है. यानी सरकार के पास 48 विधायकों का समर्थन है. अब विपक्ष के पास 42 विधायक हैं. विधानसभा में कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं.
जाट वोट बैंक में बंटवारे का मिलेगा लाभ
हरियाणा लोकहित पार्टी और आईएनएलडी के पास भी एक-एक विधायक हैं. नायब सिंह सैनी के आने के बाद जाट मतदाताओं के वोट बटेंगे, जो परंपरागत तौर पर कांग्रेस और आरएलडी के साथ जाते रहे हैं. इसलिए इसका लाभ बीजेपी को हो सकता है. पार्टी को उम्मीद है कि 2019 की तरह इस बार भी लोकसभा चुनाव में इसका लाभ पार्टी को मिल सकता है. बता दें कि हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं.
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