न्यूज़ ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन ने केबल टीवी एक्ट को चुनौती देते हुए केरल हाईकोर्ट में दायर की याचिका
केरल कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश सीनियर वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि केबल टीवी अमेंडमेंट रूल्स 2021 आर्टिकल 19 (1) (a) का उल्लंघन है.
न्यूज़ ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन (एनबीए) ने केरल हाईकोर्ट में केबल टेलीविजन एक्ट के खिलाफ याचिका दायर करते हुए उसे चुनौती दी है. NBA ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (रेगुलेशन) एक्ट 1995,(केबल टीवी एक्ट), द केबल टेलीविजन नेटवर्क्स रूल्स 1994 (केबल टीवी रूल्स) और केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (अमेंडमेंट) रूल्स 2021 (अमेंडमेंट रूल्स 2021) के खिलाफ इस आधार पर चुनौती दी है कि केबल टीवी एक्ट, केबल टीवी रूल्स और अमेंडमेंट रूल्स 2021 भारतीय संविधान में दिए गए आर्टिकल 14 के पैरा- III और आर्टिकल 19 (1) (a) और 19(1)(g) का उल्लंघन करता है.
मुख्य रूप से चुनौती अमेंडमेंट रूल्स 2021 के रूल्स 18 से 20 के लिए है, क्योंकि ये न्यूज़ ब्रॉडकास्ट के टेलीविजन चैनलों की सामग्री को विनियमित करने के लिए कार्यपालिका को निरंकुश, बेलगाम और अत्यधिक शक्तियां देते हुए एक निरीक्षण तंत्र बनाते हैं. शिकायत निवारण संरचना का निर्माण और प्रत्यायोजित शक्तियों का मीडिया की सामग्री पर प्रभाव पड़ता है.
इसके अलावा, न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स ने केबल टीवी नियमों के नियम 6 (प्रोग्राम कोड) और 7 (विज्ञापन कोड) के उल्लंघन करने वाले हिस्सों को चुनौती देते हुए कहा कि ये संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के प्रावधानों से परे हैं. उक्त रूल्स में सामग्री के बारे में गुड टेस्ट, आधा सच, अश्लील, विचारोत्तेजक, दंभपूर्ण रवैया और प्रतिकारक जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जो अस्पष्ट है और यह सिंगाल बनाम केन्द्र सरकार (2015) के फैसले के अनुरूप नहीं है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश सीनियर वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि अमेंडमेंट रूल्स 2021 आर्टिकल 19 (1) (a) का उल्लंघन है. उन्होंने यह भी कहा कि उक्त नियम अतिरिक्त सचिव (निगरानी तंत्र) को एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा पारित आदेशों पर निर्णय लेने की शक्ति देते हैं, जो कार्यकारी को न्यायिक प्रक्रिया में प्रवेश करने की अनुमति देता है.