केबल ऑपरेटर्स ने रोका कुछ न्यूज चैनलों का प्रसारण, NBDA ने आंध्र प्रदेश की सरकार से की दखल देने की मांग
NBDA ने कहा, ''राजनीतिक दलों को यह समझना चाहिए कि प्रसारकों को यह तय करने की स्वतंत्रता है कि क्या प्रसारित करना है और ऐसी संपादकीय स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.''
NBDA: न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल अथॉरिटी (NBDA) ने सोमवार (24 जून) को आंध्र प्रदेश में केबिल टीवी ऑपरेटर्स की ओर से कई टीवी चैनलों को प्रसारण को बंद करने पर चिंता जताई. एनबीडीए ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के केबल ऑपरेटर्स ने साक्षी टीवी के साथ टीवी9, एनटीवी और 10टीवी के प्रसारण को बंद कर दिया है.
एनबीडीए की ओर से कहा गया कि आंध्र प्रदेश केबल ऑपरेटर्स एसोशिएसन की ओर से इन चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाने की वजह नहीं बताई गई है. संगठन ने कहा कि ये सीधे तौर पर ट्राई के नियमों का उल्लंघन है. एनबीडीए ने कहा कि आरोप है कि चैनलों के खिलाफ कार्रवाई टीडीपी की आलोचना करने वाली उनकी रिपोर्टिंग के संबंध में है.
'प्रसारण पर रोक किसी के भी हित में नहीं'
आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ हुए विधानसभा चुनावों में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को हराया था. एनबीडीए ने कहा कि कुछ केबल ऑपरेटरों की ओर से उठाया गया कदम न प्रसारकों, न मीडिया और न ही जनता के हित में है.
संगठन ने इसे एक खतरनाक मिसाल बताते हुए कहा, ''राजनीतिक दलों को यह समझना चाहिए कि प्रसारकों को यह तय करने की स्वतंत्रता है कि क्या प्रसारित करना है और ऐसी संपादकीय स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है. इस तरह के हस्तक्षेप से मीडिया अपनी स्वतंत्रता खो देगा और इसके परिणामस्वरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए), और अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन होगा. चैनलों का बहिष्कार आगे बढ़ने का रास्ता नहीं है और यह प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरे का संकेत है.''
आंध्र प्रदेश की सरकार से की दखल देने की मांग
एनबीडीए ने कहा, ''इस तरह की मनमानी कार्रवाई से ब्रॉडकास्टर्स के व्यवसाय पर दूरगामी परिणाम होते हैं. इससे दैनिक नुकसान होता है, जबकि दर्शकों की संख्या पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इससे चैनल की रेटिंग प्रभावित होती है और परिणामस्वरूप विज्ञापन राजस्व प्रभावित होता है. इस स्थिति का प्रसारकों और विज्ञापनदाताओं के बीच संबंधों पर दीर्घकालिक प्रभाव भी पड़ता है.''
एनबीडीए ने आंध्र प्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि स्वतंत्र प्रेस के सिद्धांतों को बनाए रखने का प्रयास करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी प्रसारक बिना किसी हस्तक्षेप के काम कर सकें. एनबीडीए ने केबल ऑपरेटरों से अपने रुख की समीक्षा करने और टकराव की स्थिति से बचने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप की मांग की.