2000 करोड़ का ड्रग नेटवर्क, 4 देशों में जड़ें, तमिल फिल्म प्रोड्यूसर निकला नेक्सस का मास्टरमाइंड
Drug Trafficking Network Busted: एनसीबी और दिल्ली पुलिस के साझा अभियान में ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क से जुड़े तीन आरोपी पकड़े गए हैं. उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
NCB-Delhi Police Joint Operation: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) मुख्यालय ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ एक ज्वाइंट ऑपरेशन में एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह के नेटवर्क का भंडाफोड़ करने का दावा किया है. अधिकारियों ने शनिवार (24 फरवरी) को यह जानकारी दी. यह नेटवर्क भारत समेत चार देशों में फैला था और नेक्सस का मास्टरमाइंड एक तमिल फिल्म प्रोड्यूसर बताया जा रहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनसीबी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ड्रग नेटवर्क भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में फैला हुआ था. इस ऑपरेशन के दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दिल्ली में 50 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन (Pseudoephedrine) जब्त की गई है.
प्रवक्ता ने कहा कि हेल्थ मिक्स पाउडर, सूखे नारियल आदि खाद्य उत्पादों की आड़ में हवाई और समुद्री कार्गो के माध्यम से ड्रग्स की तस्करी की जा रही थी. उन्होंने कहा, "नेक्सस के मास्टरमाइंड की पहचान एक तमिल फिल्म निर्माता के रूप में की गई है जो फरार है. उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है ताकि स्यूडोएफेड्रिन के सोर्स का पता लगाया जा सके.''
ऐसे हुआ नेटवर्क का भंडाफोड़
प्रवक्ता ने बताया कि पूरे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जानकारी न्यूजीलैंड के सीमा शुल्क अधिकारियों और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से प्राप्त हुई थी कि सूखे नारियल के पाउडर में छिपाकर बड़ी मात्रा में स्यूडोएफेड्रिन दोनों देशों में भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के आगे के इनपुट से संकेत मिलता है कि खेप का स्रोत दिल्ली था.
बयान में कहा गया कि स्यूडोएफेड्रिन का इस्तेमाल मेथमफेटामाइन बनाने के लिए किया जाता है, जो दुनियाभर में सबसे ज्यादा मांग वाली ड्रग है और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम बिकती है.
मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह को खत्म करने के लिए एनसीबी और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया. बयान में कहा गया है कि एनसीबी और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमों की ओर से 4 महीने की गहन तकनीकी और फील्ड निगरानी के बाद पता चला कि ये गुर्गे फिर से दिल्ली में थे और ऑस्ट्रेलिया में एक और खेप भेजने की कोशिश कर रहे थे.
एनसीबी के प्रवक्ता ने कहा, "दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की ओर से 24 घंटे की फिजिकल सर्विलांस की गई, जो आखिरकार पश्चिमी दिल्ली के बसई दारापुर में उनके गोदाम तक पहुंची." उन्होंने बताया, ''15 फरवरी को जब गुर्गे स्यूडोएफेड्रिन को मल्टीग्रेन फूड मिक्स की एक कवर खेप में पैक करने की कोशिश कर रहे थे तो दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और एनसीबी की संयुक्त टीमों ने परिसर पर छापा मारा, जिससे 50 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन की बरामदगी हुई.
3 साल में कर डाली 2000 करोड़ के स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी
एनसीबी के प्रवक्ता ने बताया, ''इस कार्टेल के तीन गुर्गों (सभी तमिलनाडु से) को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. लगातार पूछताछ के बाद उन्होंने खुलासा किया कि पिछले 3 साल में उनकी ओर से कुल 45 खेप भेजी गईं, जिसमें लगभग 3500 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. प्रवक्ता ने कहा कि एनसीबी ने पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने और संबंधित देशों में स्थित गुर्गों को पकड़ने के लिए न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से संपर्क किया है.
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