नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सेना ने पूर्व और रिटायर मिलिट्री डॉक्टर्स को भी तैयार रहने के लिए कहा है. साथ ही देश के करीब 25 हजार एनसीसी कैडेट्स को भी किसी भी वक्त स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया है.


खुद आर्मर्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विसेज़ यानि एएफएमसी के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बैनर्जी ने ये जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी. कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रक्षा मंत्री ने बुधवार को एक अहम वीडियो कांफ्रेंसिंग की. इस बैठक में सीडीएस, जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुख, रक्षा सचिव, डीजी एएफएमसी, डीआरडीओ चीफ सहित सभी डिफेंस-पीएसयू के प्रमुख शामिल हुए.


लेफ्टिनेंट जनरल बैनर्जी के मुताबिक देश के सभी पूर्व और रिटायर सैन्य डॉक्टर्स को इस मुश्किल घड़ी में स्वेच्छ से अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गयी है‌. साथ ही सभी सैन्य अस्पतालों को जरूरी एक्यूपेंट मुहैया करा दिए गए हैं. इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान रक्षा मंत्री ने सभी सैन्य संस्थानों को केंद्रीय मंत्रालयों के साथ समनव्य बनाते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी मुहिम को दोगुना करने का निर्देश दिया.



इस दौरान सीडीएस, जनरल बिपिन रावत ने बताया कि सशस्त्र सेनाओं ने 9000 बेड की व्यवस्था कर रखी है. साथ ही पर चीन, ईरान, जापान और इटली से लाए गए करीब एक हजार भारतीयों को मानेसर, जैसलमेर, जोधपुर, मुंबई, हिंडन और चेन्नई में कोरांटीन (क्वारंटीन) किया गया है. सीडीएस ने कहा कि सशस्त्र सेनाओं का "हर काम देश के नाम है."


थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बताया कि सेना के करीब 8 हजार डॉक्टर्स और दूसरी पैरामेडिकल स्टाफ देश की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार है. जनरल नरवणे ने ये भी जानकारी दी कि सेना के डॉक्टर्स की एक टीम को नेपाल भी मदद के लिए भेजा गया है.


इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि नौसेना के सभी युद्धपोत 'स्टैंडबाय' पर ही किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए. वायुसेना प्रमुख ने बताया कि पिछले पांच दिनों में एयरफोर्स के विमानों ने 25 टन दवाई और मेडिकल एक्यूपमेंट को दिल्ली, चंडीगढ़ और सूरत से जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख और उत्तर-पूर्व के राज्यों में भेजा गया है.


डीआरडीओ प्रमुख डां जी सथीश रेड्डी ने बताया कि डीआरडीओ लैब्स दस हजार पीपीई यानि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट, 50 हजार लीटर सैनेटाइजर, दस हजार एन-99 मास्क और वेंटिलेटर बनाने में मदद कर रही हैं.


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