Delhi Ordinance Bill: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मंगलवार (20 जून) को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी (NCCSA) की पहली मीटिंग बुलाई गई. यह मीटिंग एक अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर थी. 


दरअसल, मई, 2023 में केंद्र सरकार ने जो अध्यादेश जारी किया उसके खिलाफ नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी बनाई गई थी. इस अथॉरिटी के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. वहीं दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव इसके सदस्य हैं. इस अथॉरिटी को दिल्ली में तैनात ग्रुप ए श्रेणी के अधिकारियों के तबादले और अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में फैसले का अधिकार है. 


अफसर पर कार्रवाई को लेकर बैठक- सीएम
मंगलवार को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की पहली मीटिंग के लिए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव मुख्यमंत्री आवास पर दोपहर 12 बजे पहुंचे. यह मीटिंग लगभग आधा घंटा चली. मीटिंग खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि मीटिंग एक अफसर को लेकर थी जिसपर एक फॉरेंसिक लैब की गड़बड़ी का मामला था. उसपर कार्यवाही को लेकर बैठक हुई है.  


केंद्र सरकार को बताया तानाशाह
सीएम अरविंद केजरीवाल ने नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठक के बाद कहा, "केंद्र ने शातिर तरह से ऑर्डिनेंस के जरिए दिल्ली पर काबिज होने की कोशिश की है और चुनी हुई कैबिनेट में हर मंत्री के ऊपर एक अफसर को बैठा दिया, हालांकि कहने को अथॉरिटी बना दी लेकिन हर जगह अफसर शाही को कंट्रोल दे दिया है. केंद्र सरकार दिल्ली को अफसर के जरिए चलाना चाहती है और अफसरों को खुद कंट्रोल करती है. 


विपक्षी दल की मीटिंग में अध्यादेश पर होगी बात 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कुछ दिनों में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में सबसे पहला एजेंडा अध्यादेश होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अभी तक रुख साफ नहीं हुआ है जिसपर सभी पार्टियां उनसे पूछेंगी कि कांग्रेस अपना स्टैंड बताए.


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