NCERT Books: ‘एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव भगवाकरण...’, बोले केरल के सीएम पिनाराई विजयन
NCERT Books Changes Row: एनसीईआरटी की किताबों में हुए बदलाव को लेकर राजनीति गर्म है. इस मामले पर अब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का भी बयान सामने आया है.

Pinarayi Vijayan On NCERT Books Changes: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार (07 अप्रैल) आरोप लगाया है कि एनसीईआरटी की किताबों से कुछ अध्यायों और खंडों को हटाने का फैसला 'भगवाकरण' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया. इस मामले को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली है.
ट्विटर पर विजयन ने कहा, "राजनीतिक मंशा से एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से कुछ अध्यायों और खंडों को हटाने का निर्णय न केवल इतिहास का खंडन है बल्कि आपत्तिजनक भी है." उन्होंने आगे कहा, "ऐतिहासिक तथ्यों को पाठ्यपुस्तकों से उनके लिए जो असुविधाजनक है उसे काट दिया गया लेकिन उसे खारिज नहीं किया जा सकता है. यह स्पष्ट है कि इस तरह के उपायों का उद्देश्य पाठ्यपुस्तकों के भगवाकरण को पूरा करना है."
‘आरएसएस पर प्रतिबंध भी हटाया गया’
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा, "12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताब से गांधी की हत्या और बाद में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने वाले खंड को हटा दिया गया था." उन्होंने आगे कहा, “संघ परिवार इतिहास के निरंतर भय में रहता है क्योंकि यह उनके असली रंग को उजागर करता है. वे इतिहास को फिर से लिखने और उस पर झूठ का पर्दा डालने का सहारा लेते हैं, इसलिए हमें एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से कुछ वर्गों को हटाने के बीजेपी सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध करना चाहिए. सत्य की जीत होने दो.”
The Sangh Parivar lives in constant fear of history as it exposes their true colours. They resort to rewriting history and masking it with lies. So we must strongly protest the decision of the BJP government to delete certain sections from NCERT textbooks. Let the truth prevail.
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) April 7, 2023
क्या बोले एनसीईआरटी के निदेशक?
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सीबीएसई की किताबों से मुगलों पर अध्याय 'ड्रॉप' नहीं गए हैं, और कहा कि यह "झूठ" है.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था कि कोविड महामारी के बाद पिछले साल हर विषय में एक्सपर्ट कमिटी बनाई गई थी ताकि बच्चों पर पाठ्यक्रम का बोझ कम किया जा सके. एक्सपर्ट कमिटी ने हर विषय के कंटेंट को देखा और उसके बाद तय किया गया कि कौन-कौन से चैप्टर हटाए जाने हैं. यह सब शैक्षणिक प्रक्रिया के तहत हुआ. एनसीईआरटी की तरफ से किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि केवल मुगल इतिहास की ही बात क्यों की जा रही है, गणित, विज्ञान, भूगोल समेत सभी विषयों में कंटेंट कम किया गया है. जहां तक मुगल इतिहास के बारे में बात की जा रही है तो छात्र अगर एक कक्षा में पढ़ते हैं तो उसी बारे में दूसरी कक्षा में पढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है.
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