नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि अगले साल से एनसीईआरटी की किताबों पर क्यूआर कोड होंगे. इस कोड के जरिये छात्र किसी विषय की बेहतर समझ के लिए फिल्म या दूसरी ऑनलाइन सामग्री का वेब लिंक प्राप्त कर सकेंगे. क्विक रेस्पांस (क्यूआर) मशीन के जरिए पढ़े जाना वाला कोड होता है. इन कोड में वेब लिंक निहित होते हैं, जिन्हें किसी भी स्मार्टफोन का कैमरा पढ़ सकता है.


प्रकाश जावड़ेकर ने साथ ही इस बात की घोषणा की कि एजुकेशन लोन लेने वाले छात्रों को पाठ्यक्रम की अवधि के एक साल बाद तक ब्याज का भुगतान नहीं करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने लोन के ब्याज के वहन के लिए 6,600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. मंत्री ने कहा कि 2017-18 से 2019-20 के बीच 10 लाख छात्र इस योजना से लाभान्वित होंगे.


मानव संसाधन विकास मंत्री ने कैबिनेट के कल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत साढ़े चार लाख रुपये प्रतिवर्ष से कम आय वाले परिवारों के छात्रों के साढ़े सात लाख रुपये तक के लोन का ब्याज सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 के बीच सरकार ने इस योजना के तहत हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च किये जो 2014-2017 के बीच बढ़कर 1,800 करोड़ रुपये हो गए.


प्रकाश जावड़ेकर ने साथ ही बताया कि सरकार ने सार्वजनिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए पहले से मौजूद तीन योजनाओं सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा को एक करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए ब्लैक बोर्ड के स्थान पर डिजिटल बोर्ड को प्रोत्साहित करने के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.