NCERT की किताबों से हटा दंगों-बाबरी मस्जिद का जिक्र, बदलावों पर क्या बोले डायरेक्टर दिनेश सकलानी?
एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश सकलानी ने NCERT किताब में बदलावों पर बात की. उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में सभी परिवर्तन साक्ष्य और तथ्यों पर आधारित है.पाठ्यक्रम का भगवाकरण करने का कोई प्रयास नहीं.
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NCERT: एनसीईआरटी की किताब से बाबरी मस्जिद से जुड़े जिक्र को हटा दिया गया है. पाठ्यपुस्तकों में बदलाव पर अब एनसीईआरटी प्रमुख ने प्रतिक्रिया दी है. एनसीईआरटी निदेशक दिनेश सकलानी ने रविवार (16, जून) को कहा कि विद्यालयों में इतिहास तथ्यों से अवगत कराने के लिए पढ़ाया जाता है, न कि इसे युद्ध का मैदान बनाने के लिए. पाठ्यपुस्तकों में संशोधन विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, मैं प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करता हूं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में एनसीईआरटी निदेशक दिनेश सकलानी ने आरोपों पर कहा कि पाठ्यक्रम का भगवाकरण करने का कोई प्रयास नहीं, पाठ्यपुस्तकों में सभी परिवर्तन साक्ष्य और तथ्यों पर आधारित है.
NCERT किताब में बदलावों पर बोले दिनेश सकलानी
एनसीईआरटी प्रमुख ने किताबों में गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद से संबंधित संदर्भों को हटाने पर कहा, ''हमें छात्रों को दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए, उद्देश्य हिंसक, अवसादग्रस्त नागरिक बनाना नहीं है.पाठ्यपुस्तकों में संशोधन एक वैश्विक प्रथा है, यह शिक्षा के हित में है.''
NCERT की किताबों से क्यों हटा दंगों-बाबरी मस्जिद का जिक्र
दिनेश सकलानी ने किताबों से गुजरात दंगों-बाबरी मस्जिद विषयों को हटाने पर कहा, ''अगर कोई चीज अप्रासंगिक हो जाती है, तो उसे बदलना होगा. विद्यालयों में इतिहास तथ्यों से अवगत कराने के लिए पढ़ाया जाता है, न कि इसे युद्ध का मैदान बनाने के लिए. घृणा और हिंसा स्कूलों में पढ़ाने का विषय नहीं है, पाठ्यपुस्तकों में इन पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए. किताबों में संशोधन विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, मैं प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करता हूं."
क्या है मामला?
बता दें कि कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बाबरी मस्जिद के जिक्र को हटा दिया गया है. बाबरी मस्जिद के बजाए उसे 'तीन गुंबद वाली संरचना' के रूप में पेश किया गया है. इसके साथ ही नई किताब में सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले का भी जिक्र किया गया है.
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