NCERT On Baba Bageshwar Claim: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताब में छपी एक चिट्ठी को लेकर मचे बवाल के बाद एनसीईआरटी ने सफाई दी है. काउंसिल ने कहा कि पर्यावरण अध्ययन की ग्रेड 3 की किताब में पब्लिश एक लेटर से संबंधित हाल ही में आई खबर का कोई आधार नहीं है.


एनसीईआरटी की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया, “स्कूली शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे 2023 के परिप्रेक्ष्य में, पर्यावरण अध्ययन की जगह पर ग्रेड 3 से प्रारंभिक चरण में एक नया विषय- हमारे आसपास की दुनिया शुरू की गई है. यह एक अंतःविषय क्षेत्र है जो ग्रेड 3 से आगे विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में बुनियादी दक्षताओं के विकास का ख्याल रखते हुए पर्यावरण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है. इसी के अनुसार एनसीईआरटी ने इस विषय के लिए नई किताबें पेश की हैं, जिनमें सामाजिक परिवेश सहित व्यापक परिप्रेक्ष्य है.”


‘पुरानी किताबों की जगह लाई गईं नई किताबें’


बयान में आगे कहा गया, “इसलिए, पुरानी किताबों के बजाय, कक्षा 3 के लिए “हमारा अद्भुत विश्व” शीर्षक से एक नई किताब लाई गई है. एनसीईआरटी सभी स्कूलों से अपील करता है कि वे कक्षा 1, 2, 3 और 6 में एनसीईआरटी की प्रकाशित नई किताबों का ही उपयोग करें. ये किताबें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित हैं और विषयों और ग्रेडों में सांस्कृतिक जड़ता, बहुभाषावाद, अनुभवात्मक शिक्षा और शैक्षिक प्रौद्योगिकी को एकीकृत करती हैं. नई किताबों और नए विषय क्षेत्रों और पाठ्यपुस्तकों को लागू करने के तौर-तरीकों के बारे में विवरण सीबीएसई को भेजी गई सलाह में दिया गया है.”




क्या है मामला?


दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक अभिभावक ने पुलिस को लिखित शिकायत दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि एनसीईआरटी की कक्षा तीन के पर्यावरण विषय के पेज नंबर 17 पर चिट्ठी आई है नाम से एक टाइटल है. इसमें रीना नाम की लड़की अहमद को छुट्टियों में अगरतला आने के लिए इन्विटेशन देती है. इस बाबत अभिभावक ने खजुराहो एसडीओपी को शिकायत की है.  


इस मामले पर छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इसका विरोध किया. उनका कहना है कि रीना ने सिर्फ अहमद को ही चिट्ठी क्यों लिखी? वह आकाश, अविनाश या फिर आदर्श को भी चिट्ठी लिख सकती थी. उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि ये तो सोची-समझी साजिश नजर आती है. इससे तो लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की है कि सभी किताबों को वापस मंगाकर इस तरह के चैप्टर को तुरंत हटाना चाहिए.


देखिए बाबा बागेश्वर ने क्या किया था दावा?



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