Mughal History Syllabus In UP: उत्तर प्रदेश में एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों से मुगलों को हटाए जाने का मामला बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. राजनीतिक विवाद के बीच एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने इसको लेकर प्रतिक्रिया दी है. 


दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा, "यह झूठ है. अध्याय में मुगलों को नहीं छेड़ा गया है. पिछले साल एक वैज्ञानिकीकरण प्रक्रिया थी क्योंकि कोराना के कारण छात्रों पर हर जगह दबाव था. विशेषज्ञ समितियों ने कक्षा 6 से लेकर 12 तक की किताबों की जांच की. उन्होंने सिफारिश की थी कि अगर यह अध्याय हटा दिया जाता है, तो इससे बच्चों के ज्ञान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उन पर एक अनावश्यक बोझ हटाया जा सकता है. इसपर बहस करना गैर जरूरी है. जो इसके बारे में नहीं जानते हैं, वे इसकी जांच कर सकते हैं.






मुगल चैप्टर हटाया गया


आपको बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि यूपी के स्कूलों में मुगलों के इतिहास के बारे में नहीं पढ़ाया जाएगा. शैक्षिक सत्र 2023-24 में 12वीं में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की किताब में से मुगल चैप्टर हटा दिया गया है, इसके अलावा 11वीं की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति, समय की शुरुआत पाठ हटाए गए हैं. इसके बाद विपक्षी दलों की ओर से भी सियासत देखने को मिली, सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा था कि मुगलों का इतिहास पूरी दुनिया में हैं इनके मिटाने से वो नहीं मिटेगा. 


वहीं यूपी की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस मुद्दे पर कहा कि यूपी बोर्ड की 12वीं की पढ़ाई में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मुगलों के इतिहास को खत्म करने की बात निराधार है. इस मामले पर बिना किसी तथ्य के कोई भ्रम न फैलाया जाए. शिक्षा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार सबको साथ लेकर चलती है, सरकार में कोई काम जाति, धर्म के आधार पर नहीं किया जाता. 


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