NCERT Changes Syllabus: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, हिंदी और सिविक्स में कुछ बदलाव किए हैं. इन बदलावों को लेकर NCERT ने 2022 में जानकारी दे दी थी, लेकिन इन बदलावों को अब लागू किया जाएगा.


दरअसल कोरोनाकाल के कारण NCERT के किए बदलावों को लेकर नई पुस्तकें प्रकाशित नहीं हो पाईं थी. अब नए शैक्षणिक सत्र 2023 -24 में इन्हें लागू किया जाएगा. बदलावों के साथ ही नई पुस्तकें भी जल्द उपलब्ध होंगी. पाठ्यक्रम में हुआ नया बदलाव देशभर में उन सभी स्कूलों में लागू होगा जहां NCERT की किताबें पढ़ाई जाती हैं. 


इतिहास में हटे ये चैप्टर


एनसीईआरटी ने 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव के तहत 12वीं के छात्र मुगल दरबार का इतिहास नहीं पढ़ेंगे. सीबीएसई बोर्ड और यूपी बोर्ड ने इतिहास की किताबों से मुगल साम्राज्य पर आधारित चैप्टर को हटा दिया है. फिलहाल नई प्रकाशित किताब दुकानों पर नहीं आई हैं. 12वीं की एनसीईआरटी किताब में हिस्ट्री पार्ट 2 में प्रकाशित किंग्स एंड क्रॉनिकल्स चैप्टर के 30 पन्नों को एनसीईआरटी के नए प्रकाशन के लिए हटा दिया गया है.


इसके पेज नंबर 225 के पहले पैराग्राफ में सोलहवीं शताब्दी के दौरान, यूरोपियनों ने भारतीय शासकों का वर्णन करने के लिए मुगल शब्द का इस्तेमाल किया. पिछली शताब्दियों में इस शब्द का बार-बार प्रयोग किया जाता रहा है, यहां तक कि रुडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक के युवा नायक मोगली नाम भी इसी से लिया गया है.


वहीं पेज नंबर 236 में जानकारी दी गई है कि अकबर ने फतेहपुर सीकरी को करीब से देखा था. इसका एक कारण यह हो सकता है कि सीकरी अजमेर की सीधी सड़क पर स्थित था, जहां शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन गया. मुगल बादशाहों ने चिश्ती सूफियों के साथ गहरे रिश्ते बनाए.


अकबर ने सीकरी में शुक्रवार की मस्जिद यानी जामा मस्जिद के बगल में शेख सलीम चिश्ती के लिए एक सफेद संगमरमर के मकबरे का निर्माण शुरू किया. विशाल प्रवेश द्वार बुलंद दरवाजा को गुजरात में मुगल जीत की याद दिलाने के लिए बनवाया गया था.


सिविक्स की किताब से हटा ये चैप्टर


सिविक्स की किताब से 'यूएस  हेजेमनी इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स और 'द कोल्ड वॉर इरा' को हटा दिया गया है. 


राजनीति शास्त्र से हटा न आंदोलन का उदय


इसी के साथ राजनीति की किताब से 'जन आंदोलन का उदय 'हटा दिया गया है. इसमें कांग्रेस , सोशलिस्ट, कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में पढ़ाया जाता था. 


हिंदी से भी हटे कई गीत


हिंदी की किताब से कई गीत हटाए गए हैं. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का गीत 'गाने दो मुझे 'हटा दिया गया है. विष्णु खरे की कविता ' सत्य' को भी हटा दिया गया है.


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