NCERT Syllabus: 250 शिक्षाविदों, इतिहासकारों का एनसीईआरटी विवाद पर बयान, 'ये सरकार का विभाजनकारी और पक्षपातपूर्ण एजेंडा'
NCERT Textbook Row: बयान में कहा गया है कि एनसीईआरटी के सदस्यों के अलावा, पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने वाली टीमों के सदस्यों से परामर्श करने की कोई कोशिश नहीं की गई है.
Changes In NCERT Textbook Row: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पुस्तकों से मुगल इतिहास, हिंदू-मुस्लिम यूनिटी, RSS बैन से जुड़ा चैप्टर हटा दिया गया है. इसके विरोध में लगभग 250 शिक्षाविदों और इतिहासकारों ने एनसीईआरटी की आलोचना करते हुए एक सार्वजनिक बयान जारी किया है. बयान में इस कदम को विभाजनकारी और पक्षपातपूर्ण एजेंडा करार दिया गया है और इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई है.
यह सार्वजनिक बयान शुक्रवार को जारी किया गया जिसमें रोमिला थापर, जयति घोष, मृदुला मुखर्जी, अपूर्वानंद, इरफान हबीब और उपिंदर सिंह समेत शैक्षणिक समुदाय के प्रसिद्ध सदस्यों और इतिहासकारों के हस्ताक्षर हैं. बयान में कहा गया है कि एनसीईआरटी की पुस्तकों से चैप्टर हटाना स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन के जरिए सरकार के गैर-शैक्षणिक, पक्षपातपूर्ण एजेंडे को उजागर करता है.
एनसीईआरटी का फैसला वापस लिया जाए
एनसीईआरटी ने कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान और इतिहास की किताबों से महात्मा गांधी, उनकी हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बैन लगाने से संबंधित सामग्री को हटा दिया है. सार्वजनिक बयान में आगे कहा गया है कि हम इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से अध्यायों और बयानों को हटाने के एनसीईआरटी के फैसले से चकित हैं और मांग करते हैं कि इसे वापस लिया जाए. एनसीईआरटी का निर्णय विभाजनकारी उद्देश्यों से किया गया है. यह एक ऐसा निर्णय है जो भारतीय उपमहाद्वीप के संविधान के चरित्र और समग्र संस्कृति के खिलाफ है. इसे जल्द से जल्द रद्द किया जाना चाहिए.
एनसीईआरटी डायरेक्टर ने क्या कहा?
बयान में कहा गया है, "एनसीईआरटी के सदस्यों के अलावा, पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने वाली टीमों के सदस्यों से परामर्श करने की कोई कोशिश नहीं की गई है. टीमों के सदस्यों में इतिहासकार और स्कूल शिक्षक शामिल हैं." वहीं, एनसीईआरटी के डायरेक्टर डीएस सकलानी से जब पूछा गया कि महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित बदलाव जून 2022 में जारी एनसीईआरटी के ऑफिशियल डॉक्यूमेंट में क्यों नहीं आए? सकलानी ने कहा कि इस बार "कुछ भी नया नहीं है". बदलाव पिछले साल हुए थे. इस बार कुछ नया नहीं किया है.
वहीं, उनके सहयोगी और एनसीईआरटी के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी के प्रमुख एपी बेहेरा ने कहा, 'हो सकता है कि निरीक्षण के कारण कुछ चीजें टेबल से छूट गई हों, लेकिन इस साल कोई नया बदलाव नहीं किया गया है. यह सब पिछले साल हुआ था.
ये भी पढ़ें: Kiren Rijiju: किरेन रिजिजू की कार से टकराया ट्रक, बाल-बाल बचे केंद्रीय मंत्री