NCERT Syllabus Change: एनसीईआरटी (NCERT) की तरफ से 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई किताब में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Abul Kalam Azad) का नाम हटा दिया गया है. इतना ही नहीं किताब से जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद-370 को सुरक्षित रखने के पहलू को भी हटा दिया गया. इससे पहले एनसीईआरटी की किताबों से महात्मा गांधी और गोडसे से जुड़ी जानकारी हटाने की खबर सामने आई थी.
काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) में हुए बदलाव को लेकर पहले से ही राजनीतिक विवाद जारी है. अब एक बार फिर से तमाम दलों के बीच जंग छिड़ना तय है. हालांकि, एनसीईआरटी का कहना है कि सारे बदलाव पिछले साल जून में ही कर दिए गए थे. इस साल कुछ भी नया नहीं हुआ है.
इस तरह हटाया गया नाम
किताब के पहले चैप्टर में, 'संविधान - क्यों और कैसे' टॉपिक से, संविधान सभा समिति की बैठकों से मौलाना आजाद का नाम हटा दिया गया है. आजाद का नाम हटाकर लिखा गया है "तब आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बीआर अंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे".
1946 में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
मौलाना आजाद ने 1946 में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए भारत की नई संविधान सभा के चुनावों में कांग्रेस का नेतृत्व किया था. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने 6वें वर्ष में ब्रिटिश कैबिनेट मिशन के साथ बातचीत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था.
पुरानी किताब में क्या लिखा था
पुरानी किताब के "संविधान-क्यों और कैसे?" चैप्टर की एक लाइन में लिखा था संविधान सभा में अलग-अलग विषयों पर आठ प्रमुख समितियां थीं. आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आजाद या आंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे. ये ऐसे लोग नहीं थे जो कई बातों पर एक-दूसरे से सहमत हों.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पिछले साल एनसीईआरटी ने बच्चों के भार को कम करने के लिए सभी विषयों के सिलेबस में बदलाव किया था. एनसीईआरटी का कहना था कि इससे बच्चों को जल्दी सिलेबस कवर करने में मदद मिलेगी. हिंदी की किताब से कुछ कविताएं और पैराग्राफ भी हटा दिए गए हैं. मुगल काल के शासकों और उनके इतिहास पर आधारित अध्यायों को थीम्स ऑफ़ इंडियन हिस्ट्री पार्ट II नामक किताब से हटा दिया गया है.
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