लखनऊ: यूपी के मदरसों में अब एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाएंगी. उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सोमवार को ट्वीट किया कि मदरसों में अब एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई होगी. यहां अब आधुनिक विषय पढ़ाए जाएंगे, ताकि उनमें पढ़ने वाले बच्चे दूसरे स्कूलों के विद्यार्थियों से बराबरी कर सकें. मंत्री के ट्वीट के मुताबिक आलिया (इंटरमीडियट) स्तर पर गणित और साइंस को अनिवार्य किया जाएगा. राज्य मदरसा बोर्ड ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि सिलेबस की समीक्षा की बात चल रही है. हालांकि अभी यह शुरुआती चरण में है. मदरसा बोर्ड सभी कक्षाओं में नए सिलेबस लाने पर विचार कर रहा है. एनसीईआरटी की किताबों से शिक्षा दिलायी जाएगी. उन्होंने बताया कि मौजूदा सिलेबस के दो भाग होते हैं. एक दीनी सिलेबस यानि धर्म से जुड़ा होता है, जो पहले की ही तरह रहेगा. बोर्ड पारम्परिक शिक्षा के सिलेबस को बदलने की तैयारी कर रहा है. इसमें समय की मांग को लेकर सिलेबस में परिवर्तन किया जाएगा. नए सिलेबस में आधुनिक विषयों को भी जोड़ा जाएगा.
सिलेबस में तब्दीली की क्या जरूरत थी, इस सवाल पर गुप्ता ने कहा कि अभी तक मदरसों में पढ़ाए जाने वाले हिंदी, अंग्रेजी, साइंस के सिलेबस सुव्यवस्थित नहीं हैं. टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया उत्तर प्रदेश ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. संगठन के महामंत्री दीवान साहब जमां ने कहा कि सरकार अगर दीनी कोर्स को छोड़कर बाकी सिलेबस में वक्त के हिसाब से बदलाव करती है तो यह अच्छी बात है.
जमां ने कहा कि इस वक्त प्रदेश के मदरसों में हिन्दी, अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश का सिलेबस पढ़ाया जा रहा है. अगर एनसीईआरटी की किताबों से अच्छे परिणाम मिलते हैं, तो यह अच्छी बात है.
मदरसा बोर्ड के पंजीयक ने वेब पोर्टल पर अभी तक अपनी सूचनाएं नहीं डालने वाले मदरसों के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर कहा कि अभी जिन मदरसों ने वेब पोर्टल पर सूचना डाली है, हम उन्हें डिजिटली लॉक साइन कर रहे हैं. उसके बाद ऐसे करीब 2500 मदरसों से जवाब तलब किया जाएगा, जिन्होंने निर्धारित अवधि यानी 15 अक्तूबर तक पोर्टल पर अपनी सूचनाएं नहीं डाली हैं. उन्होंने कहा कि लॉक साइन करने में अभी 15 दिन और लगेंगे. मदरसों की तरफ से बताए जाने वाले कारणों के आधार पर सरकार कार्रवाई करेगी.
मालूम हो कि सरकार ने मदरसों के संचालन में पारदर्शिता लाने के लिए बोर्ड का एक वेब पोर्टल बनाया है. सभी मदरसों से कहा गया था कि वह इस पर अपने यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों की संख्या, उनके वेतन और मदरसे के प्रबन्धन समेत कई चीजों के बारे में सूचना अपलोड करें. प्रदेश के 19 हजार मान्यता प्राप्त मदरसों में से करीब 2500 ने ये सूचनाएं पोर्टल पर नहीं डाली है.