वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बताई जा रही राम मंदिर तैयार होने की तारीख- शरद पवार
NCP अध्यक्ष शरद पवार ने आश्चर्य जताया कि क्या राम मंदिर का मामला केंद्रीय गृह मंत्री से संबंधित है. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ की भी प्रशंसा की.
NCP Chief Sharad Pawar Attack on Amit Shah: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने बीजेपी की केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर तैयार होने की तारीख संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर दावा किया कि वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बयानबाजी की जा रही है.
पवार ने इस बात को लेकर आश्चर्य जताया कि क्या मंदिर का मामला केंद्रीय गृह मंत्री से संबंधित है. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ की भी प्रशंसा की और कहा कि इस यात्रा से विपक्षी दलों के बीच आम सहमति बनाने में मदद मिलेगी.
'अगर शाह पुजारी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं तो आपत्ति नहीं'
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मीडिया से कहा, ‘‘मुझे यकीन नहीं है कि यह मुद्दा (राम मंदिर तैयार होने की तारीख) केंद्रीय गृह मंत्री से संबंधित है. अगर राम मंदिर के पुजारी ने ऐसा कहा होता तो अच्छा होता, लेकिन अगर वह (शाह) पुजारी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है.... राम मंदिर जैसे मुद्दों को असली मुद्दों से भटकाने के लिए उठाया जा रहा है.’’
अमित शाह ने राहुल पर हमला करते हुए बताई थी तारीख
कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किलोमीटर लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए शाह ने गुरुवार को त्रिपुरा के सबरूम में कहा था, ‘‘राहुल बाबा, सबरूम से सुनिये, एक जनवरी 2024 तक भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.’’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भी बोले पवार
वहीं, पवार ने 2024 में होने वाले लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने की वकालत की. उन्होंने दावा किया कि शिवसेना में विभाजन के बावजूद जमीन पर काम करने वाले ज्यादातर शिवसैनिक उद्धव ठाकरे के साथ हैं. पवार ने कहा “विभाजन के बाद भले ही विधायक और सांसद एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के साथ चले गए हैं, लेकिन जब चुनाव होगा तो वे भी जनता का रुख जानेंगे.”
पिछले साल सत्ता से बाहर हुई थी MVA
साल 2019 में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद की वजह से शिवसेना ने अपनी पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ लिया था. एनसीपी, कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की राज्य में सरकार बनाई थी. पिछले साल जून में शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के ज्यादातर विधायकों के बगावत करने के बाद महाराष्ट्र सरकार गिर गई थी.
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