Sharad Pawar On Devendra Fadnavis: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान पर पलटवार किया है. एनसीपी (NCP) चीफ शरद पवार ने सोमवार (13 फरवरी) को कहा कि फडणवीस एक सुलझे हुए नेता हैं वे किस आधार पर इस तरह का बयान दे रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने हाल ही में दावा किया था कि 2019 में अजीत पवार (Ajit Pawar) के साथ बनी सरकार शरद पवार की सहमति से बनाई गई थी.
बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अजीत पवार ने 2019 में चुनाव के बाद सरकार बनाई थी, लेकिन यह कुछ ही घंटों तक ही चली थी. इस घटना को लेकर ही देवेंद्र फडणवीस ने ये बड़ा बयान दिया है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को हमारे 2019 के शपथ ग्रहण समारोह की जानकारी थी. फडणवीस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा कि मुझे लगा कि देवेंद्र एक संस्कारी और सज्जन व्यक्ति हैं. मुझे कभी नहीं लगा कि वह झूठ का सहारा लेंगे और इस तरह का बयान देंगे.
देवेंद्र फडणवीस का बड़ा दावा
देवेंद्र फडणवीस ने टीवी-9 न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया. उन्होंने कहा कि हमारे पास एनसीपी की ओर से प्रस्ताव आया था कि उन्हें एक स्थिर सरकार चाहिए और हमें मिलकर ऐसी सरकार बनानी चाहिए. हमने आगे बढ़ने और बातचीत करने का फैसला किया. 2019 में हमने सरकार बनाने के लिए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से चर्चा की थी. इस सरकार को लेकर तमाम चर्चाएं हुईं, लेकिन उसी समय हमारे साथ विश्वासघात हुआ.
"मुझे जेल में डालने की कोशिश की"
देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा कि पहला विश्वासघात उद्धव ठाकरे ने किया और दूसरा पवार ने. फिर चीजें बदल गईं. आपने देखा है कि चीजें कैसे बदलीं. देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि महा विकास अघाड़ी सरकार मुझे जेल में नहीं डाल सकती थी, लेकिन उन्होंने मुझे जेल में डालने की कोशिश की. मैं पुलिस विभाग का कभी अपमान नहीं करूंगा. इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.
क्या हुआ था महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसके नतीजे 24 अक्टूबर 2019 को घोषित हुए थे. बीजेपी के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. एक साथ सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें होने के बावजूद, दोनों सहयोगियों के बीच सत्ता-बंटवारे पर विवाद हो गया था. जिसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ बातचीत शुरू की.
फडणवीस-अजीत पवार का शपथ ग्रहण
कोई नतीजा न निकलने पर, केंद्र ने 12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने गठबंधन बनाने के लिए बातचीत जारी रखी और बाद में शरद पवार ने घोषणा की कि उद्धव ठाकरे को सर्वसम्मति से नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है. इसी बीच 23 नवंबर को सुबह-सुबह फडणवीस और अजीत पवार का शपथ ग्रहण समारोह एक आश्चर्य के रूप में सामने आया.
तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को मुख्यमंत्री और अजीत पवार (Ajit Pawar) को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी. ये सरकार तीन दिनों तक चली, जिसके बाद अजीत पवार वापस लौट गए थे. फिर एमवीए (MVA) का गठन हुआ और उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
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