नई दिल्ली: किसान आंदोलन के 62वें दिन आज ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगहों पर पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसा की घटना देखने को मिली. किसानों का एक गुट ऐतिहासिक लाल किला पहुंच गया और अपना झंडा गुंबद पर लगा दिया. हालांकि बाद में पुलिसकर्मियों ने आंदोलनकारियों को लालकिला से हटा दिया.


इस बवाल पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि  मुझे लग रहा था कि यह आंदोलन कहीं न कहीं रास्ते से भटक रहा है. उन्होंने साथ ही कहा कि किसानों का प्रतिकार देखने को मिला है. जो हो रहा है, पुलिस को देखना चाहिए. लेकिन ऐसा क्यों हुआ ? केंद्र सरकार ने जिम्मेदारी नहीं निभाई. केंद्र सरकार बड़प्पन दिखाए.


पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी यह थी कि सरकार एक्टिव होकर बातचीत करती. 60 दिनों से संयम से आंदोलन चल रहा था. दिल्ली की कड़ाके की सर्दी में अपने मुद्दों के लिए किसान डटे रहे, यह अभूतपूर्व है. संयम खत्म हुआ इसलिए ट्रैक्टर मार्चा निकाला गया.


केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों के निर्धारित मार्गों पर ना जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर उनके और पुलिस के बीच झड़प हो गई.


झड़प की घटना के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकालीन बैठक बुलाई है. साथ ही कई इलाकों में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है.


दूरसंचार विभाग के मुताबिक, सिंघू, गाजीपुर, टीकरी, मुकरबा चौक, नांगलोई और उनसे लगे दिल्ली के इलाकों में दोपहर 12 बजे से रात 11 बज कर 59 मिनट तक इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर स्थगित रखने का निर्देश दिया गया है.


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