पिछले महीने भारत और चीनी सेना के बीच गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया जिसे देखते हुए भारत सरकार और सेना ने जरूरी कदम उठाए. इसके बाद सेना के जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए पीएम मोदी 3 जुलाई को लेह पहुंचे और सैनिकों को संबोधित करने के साथ घायलों के साथ मुलाकात की.


पीएम के दौरे के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे को लेकर आश्चर्यचकित नहीं थे और याद दिलाया कि 1962 के युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और तत्कालीन रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने सीमा क्षेत्र का दौरा किया था.


उन्होंने कहा, ' प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के दौरान भी मैंने वर्तमान मुद्दे को लेकर कहा था कि इसे राजनयिक बातचीत के जरिए सुलझाए जाने की आवश्यकता है और हमें चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए.'


यहां संवाददाताओं से बात करते हुए पवार ने याद किया कि जब वह 1993 में रक्षा मंत्री थे तब वह चीन गए थे और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके बाद दोनों पक्षों के सैनिक पीछे हटे थे.


बता दें कि चीन के साथ सीमा विवाद के मसले पर राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं. कई ट्वीट्स और वीडियो पोस्ट के जरिए उन्होंने चीन के साथ सीमा विवाद पर सवाल उठाए हैं. पीएम के दौरे को लेकर कांग्रेस ने तंज करते हुए नीमू को टूरिस्ट स्पॉट बताया था. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो पीएम मोदी को 'सरेंडर मोदी' तक बता दिया था.