शरद पवार का दावा- 'मायावती की BJP से चल रही बातचीत', अकाली दल के INDIA से जुड़ने की अटकलों पर भी दिया बयान
Sharad Pawar On Mayawati: मुंबई में इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक होनी है. इससे पहले बुधवार को बीएसपी चीफ मायावती ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा था. जिसपर अब शरद पवार ने बयान दिया है.
Lok Sabha Elections 2024: देश में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. गुरुवार से मुंबई में इंडिया (INDIA) गठबंधन के नेताओं की दो दिवसीय बैठक होने वाली है. इससे पहले बुधवार (30 अगस्त) को एमवीए (MVA) नेताओं की पीसी के दौरान एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) को लेकर बड़ा दावा किया.
शरद पवार ने कहा कि मुझे जानकारी है कि बीएसपी नेता मायावती बीजेपी के संपर्क में हैं. मायावती ने जो फैसला लिया उसको लेकर लोगों को सोचना होगा. मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं विपक्ष में हूं. इसको लेकर कोई भ्रम नहीं है. एक अल्टरनेटिव फोरम देश में तैयार हो रहा है. देश के सामने परिवर्तन की बात आए तो एक गठबंधन तैयार है.
इंडिया गठबंधन की बैठक में 28 दल होंगे शामिल
एनसीपी चीफ ने कहा कि गुरुवार से मुंबई शुरू होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में 28 राजनीतिक दलों के 63 प्रतिनिधि शामिल होंगे. अकाली दल के इंडिया से जुड़ने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि अकाली दल का साथ में आना मुश्किल है क्योंकि पंजाब में आप और कांग्रेस साथ हैं. अगर अकाली साथ आए तो डिफरेंस बढ़ेगा. प्रकाश अंबेडकर की वीबीए और शिवसेना का गठबंधन है, लेकिन वो इंडिया के साथ नहीं हैं.
मायावती ने साधा था निशाना
इससे पहले बीएसपी चीफ और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया पर तीखा हमला बोला था. उन्होंने बुधवार को ट्वीट (एक्स) कर कहा कि एनडीए व इंडिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं. जिनकी नीतियों के खिलाफ बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
"बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं"
उन्होंने कहा था कि मीडिया से अपील है कि कोई फेक न्यूज न फैलाएं. पूर्व सीएम ने कहा कि वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, लेकिन ऐसा न करने पर विपक्षी की ओर से खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई. ये घोर अनुचित और अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी.
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