Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने कांग्रेस जरूर छोड़ी है लेकिन कभी महात्मा गांधी और जवाहलाल नेहरू की विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा. पवार ने कहा कि वह 1991 में कभी बतौर मुख्यमंत्री महाराष्ट्र नहीं आना चाहते थे लेकिन 'उन्होंने चुनौती स्वीकार की'.


महाराष्ट्र में हाल ही में असेंबली स्पीकर के चुनाव को लेकर मचे हंगामे पर शरद पवार ने पुणे में हुए एक कार्यक्रम में कहा, 'आज सभी अखबारों में यह रिपोर्ट है कि मैंने सीएम से स्पीकर के इलेक्शन को लेकर बात की है, जिसके बाद यह रद्द हो गया है. लेकिन मैंने उनसे कोई बात नहीं की. जब भी राज्य की राजनीति में कुछ होता है सारे अखबार उसमें मेरा हाथ होने पर संदेह जताते हैं. यह अखबारों की प्रवृत्ति बन चुकी है.' 


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शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे को याद करते हुए पवार ने कहा, 'उन्होंने कभी भी मेरे खिलाफ 'पसंदीदा शब्द' इस्तेमाल नहीं किए लेकिन फिर भी हम दोस्त रहे और राज्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बात किया करते थे.'


पवार ने महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार की 'स्थिरता' पर भी बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार की स्थिरता को लेकर कोई चिंता नहीं है. पुराना विपक्षी अब हमारा सहयोगी बन गया है और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं. पवार ने कहा, 'मैं सीएम के स्वास्थ्य को लेकर चिंतिंत हूं लेकिन पिछले 10 दिनों में उन्होंने सारे फैसले खुद लिए हैं.' ठाकरे की हाल ही में सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी हुई है. 


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